Home पोल्ट्री Poultry: मौसम के बदलाव से होने वाली बीमारियों को रोकने को क्या कदम उठा सकते हैं पोल्ट्री फार्मर्स, जानें यहां
पोल्ट्री

Poultry: मौसम के बदलाव से होने वाली बीमारियों को रोकने को क्या कदम उठा सकते हैं पोल्ट्री फार्मर्स, जानें यहां

पोल्ट्री शेड के निर्माण के लिए ऊंची भूमि का चयन करना चाहिए. कुछ चट्टान वाली जगह होती है, वे ज्यादा अच्छी होती हैं. शेड ऊंची होती है, तो उसके पास जल का भराव नहीं हो पाएगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मौसम के बदलाव के कारण पैदा होने वाली बीमारियों की स्पीड में बदलाव से निपटने के लिए स्वास्थ्य और जैव सुरक्षा उपायों को मजबूत करना जरूरी है. बढ़ते तापमान के कारण नए रोगाणुओं और वाहकों के उभरने के लिए अद्यतन टीकाकरण कार्यक्रम और मज़बूत रोग निगरानी प्रणालियों की जरूरत होती है. कुक्कुट विज्ञान विभाग, पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय, मथुरा (Department of Poultry Science, College of Veterinary Science and Animal Husbandry, Mathura) के मुताबिक नियंत्रित पहुंच, नियमित कीटाणु को खत्म करने वाली दवाएं और चूहों से होने वाली दिक्कतों के लिए बाायो सिक्योरिटी प्रोटोकॉल बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए जरूरी हैं.

मोबाइल पशु चिकित्सा सेवाएं, मौसम-आधारित रोग पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी के लिए डिजिटल उपकरण पोल्ट्री किसानों की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता को काफी बढ़ा सकते हैं.

ये खतरनाक गैसें हो जाती हैं पैदा
खाद और अपशिष्ट प्रबंधन जलवायु-अनुकूल पोल्ट्री पालन के महत्वपूर्ण पहलू हैं. पोल्ट्री खाद का अगर अनुचित तरीके से प्रबंधन किया जाए, तो यह मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में योगदान देता है.

कम्पोस्टिंग, वर्मीकम्पोस्टिंग और बायोगैस उत्पादन जैसी तकनीकें न केवल उत्सर्जन को कम करती हैं, बल्कि कचरे को मूल्यवान जैविक उर्वरकों और ऊर्जा में भी परिवर्तित करती हैं.

नियमित रूप से मुर्गियों के बिस्तर को पलटना, सूक्ष्मजीवी इनोक्युलेंट मिलाना और उचित भंडारण पद्धतियाँ अमोनिया के वाष्पीकरण और गंध को कम करती हैं.

कार्बन फ़ुटप्रिंट आकलन उपकरणों का उपयोग किसानों को खेत स्तर पर उत्सर्जन को अधिक प्रभावी ढंग से मापने और प्रबंधित करने में मदद करता है.

जलवायु-स्मार्ट पोल्ट्री को सक्षम नीतियों, अनुसंधान सहायता और क्षमता निर्माण प्रयासों के बिना सफलता नहीं मिल सकती.

किसानों को जागरुक करने की है जरूरत
सरकारी नीतियों को सब्सिडी, बीमा योजनाओं और सौर ऊर्जा चालित प्रकाश व्यवस्था और तापन प्रणालियों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को अपनाने के लिए प्रोत्साहनों के माध्यम से जलवायु-अनुकूल बुनियादी ढाँचे का समर्थन करना चाहिए.

रिसर्च और विकास संस्थानों को जलवायु-अनुकूल प्रजनन, आहार नवाचार और रोग नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

किसानों को जलवायु-अनुकूल तकनीकों के बारे में शिक्षित करने और स्थानीय क्षमता निर्माण के लिए विस्तार सेवाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता है.

मोबाइल ऐप और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म मौसम संबंधी अपडेट, स्वास्थ्य अलर्ट और सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम से वास्तविक समय में निर्णय लेने में सहायता कर सकते हैं.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

poultry farming, poultry feed, marigold, poultry
पोल्ट्री

Poultry: यहां जानें, 100 देसी मुर्गियों के पालने पर कितना आएगा खर्च

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अगर 100 देसी मुर्गियों को पलते...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry: बरसात में मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए करें ये तीन काम

मुर्गियों को गर्माहट ज्यादा पसंद होती है. ऐसे में उन्हें नमी वाली...

पोल्ट्री

Poultry Farming: देसी मुर्गी पालना फायदेमंद है या नहीं, जानें यहां

देसी मुर्गी प्रति किलो 400 से 500 रुप किलो आसानी से बिक...