नई दिल्ली. बुंदेललखंड पैकेज के तहत बुंदेलखंड क्षेत्र के सभी सात जिलों में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ब्रॉयलर पालन को लेकर योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत महिलाओं को मजबूत करने का प्रयास सरकार की ओर से किया गया था. सरकार की कोशिश है कि इस इलाके की महिलाएं आत्मनिर्भर बनें. जिसके लिए साल 2018-19 में नियोजन विभाग द्वारा बजट जारी किया गया था. हालांकि साल 2019 में मार्च माह में लोक सभा सामान्य निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण आवंटित धनराशि खर्च नहीं हो सकी थी.
वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिला स्तर पर आमंत्रित ई-निविदा में पोल्ट्री चूजे और आहार की दर कम होने के कारण कम संख्या मे निविदादाताओं द्वारा प्रतिभाग करने के कारण पोल्ट्री चूजो और पोल्ट्री आहार की दरे निर्धारित नहीं हो सकी लेकिन जिलों द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में चयनित लाभार्थियो के प्रशिक्षण, पोल्ट्री फार्म निर्माण, वाटरर व फीडर एवं अन्य मदो में 8.82 करोड़ की धनराशि व्यय की गई थी.
कहां कितना खर्च हुआ बजट
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में योजना के तहत कोई भी धनराशि आवंटित नहीं की गयी. वित्तीय वर्ष 2022-23 मे Expression of interest ई-निविदा के माध्यम से आमंत्रित की गयी लेकिन पोल्ट्री ब्रायलर चूजों और पोल्ट्री फीड की बाजार दरे अनुमोदित दरों से अधिक होने के कारण मात्र दो फर्म ही आपूर्ति के लिये तैयार हुए. दोनो फर्मों द्वारा 6.21950 लाख पोल्ट्री ब्रायलर चूजो एवं 18.65 लाख किलो ग्राम पोल्ट्री फीड की आपूर्ति की गयी. वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में जनपदों द्वारा 17.61 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की गई. इस प्रकार योजना की कुललागत 0.70 करोड़ के सापेक्ष 26. 44 करोड़ की धनराशि व्यय करते हुये प्रथम वर्ष के 9889 चयनित लाभार्थियो को आंशिक रूप से लाभान्वित किया गया है.
43.56 करोड़ था पिछले साल का बजट
योजना के तहत बची धनराशि 43.56 करोड़ रुपए का व्यय चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में किया जाना था. जिसके सफल संचालन किये जाने के लिए कुक्कुट चूजो एवं कुक्कुट आहार की वर्तमान अनुमोदित दरो में संशोधन किया जाना आवश्यक होगा. जिसके लिए योजना के तहत विविध व्यय अन्तर्गत इस का समायोजन किया जा सकता है. बुंदेलखंड पैकेज तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा के लिए अपर मुख्य सचिव, पशुधन, उत्तर प्रदेश शासन सभी मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारियों द्वारा विविध व्यय को समायोजित करने हेतु सहमति प्रदान की गयी है. सरकार की ओर बताया गया कि योजना का मकसद महिलाओं को सबल बनाना और फूड सेफ्टी तय करना है.
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