Home पोल्ट्री Poultry Farming: बरसात में मुर्गियों को होता है संक्रमण का खतरा, क्या है इस परेशानी का हल, जानें यहां
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Poultry Farming: बरसात में मुर्गियों को होता है संक्रमण का खतरा, क्या है इस परेशानी का हल, जानें यहां

बीमार मुर्गी का वजन कम हो जाता है और हर समय उदास रहती है.
चूजों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्म संचालकों के लिए गर्मी और बरसात का समय काफी मुश्किलों वाला होता है. इस दौरान मुर्गियों में संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. खासतौर पर बारिश के दौरान संक्रामक बीमारियां मुर्गियों को जल्दी चपेट में ले लेती हैं. इसके अलावा भी मुर्गियों को कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं. जिसकी वजह से मुर्गियों की मौत भी हो सकती है. ऐसे में जो भी पोल्ट्री फार्म संचालक हैं, उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ जाता है. सवाल यह है कि इस चुनौती से किस तरह से निपटा जा सकता है और जो मुर्गियां हैं उन्हें कैसे सेफ रखा जाता जा सकता है. आइए जानते हैं.

सीएआरआई बरेली के वैज्ञानिक डॉ. गौतम कोलूरी का कहना है कि समर और मानसून में मुर्गियों का खास ध्यान रखना जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि समर और मानसून के दौरान चिक्स में बीमारी फैलने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है. इस दौरान फीडिंग के दौरान विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. मुर्गियों पर मानसून के लिए अलग मैनेजमेंट करने की भी जरूरत होती है. ताकि मुर्गियों की सेहत ठीक रहे और वो अच्छा प्रोडक्शन करें.

शेड का फर्श जमीन से ऊंचा बनाएं
डॉ. गौतम कोलूरी ने बताया कि मुर्गियों के लिए शेड बनाते समय मॉनसून के वक्त भी ख्याल रखना चाहिए. शेड इतना लंबा बनाना चाहिए कि जो बरसात का पानी है वह शेड के अंदर न गिरे. शेड के बाहर गिरे. वहीं शेड की जमीन को ग्राउंड लेवल के बराबर भी बना दिया जाता है. इससे भी दिक्कतें होती हैं. जब ज्यादा बारिश होती है तो पानी अंदर घुस जाता है. इससे मुर्गियां की मौत हो सकती है. कम से कम जमीन से 1 से 2 फीट ऊंचा मुर्गी फार्म का फर्श बनाना चाहिए. अगर बारिश के दौरान मुर्गियों का बिस्तर गीला हो जाए तो उन्हें बदल देना चाहिए. इसमें चुनाव आदि को मिला देना चाहिए. जहां मुर्गियां रहती हैं. वो हिस्सा गीला रह जाएगा तो इससे संक्रमण फैल सकता है.

गीला दाना देने से बचें
कई बार मुर्गियों को दिये जाने वाला फीड लोग अपनी मर्जी दीवार के आसपास रख देते हैं यह विंडो के पास रख देते हैं. इससे बारिश होने पर फीड गीला हो जाता है. बारिश का पानी भी फीड में चला जाता है और दान गीला हो जाता है. जमीन से ऊपर और दीवार से थोड़ी दूरी पर दाना रखना चाहिए. जब धूप निकले तो बरसात में दाने को एक-दो घंटे के लिए धूप में रख देना चाहिए. ताकि उसके अंदर जो भी नमी है. वह पूरी तरह से खत्म हो जाए. फिर उसे मुर्गी को दे सकते हैं. अगर गीला दाना मुर्गियों को दे दिया जाए तो इससे मुर्गियों को फंगस वाली बीमारियां हो जाती है. इसलिए जरूरी है कि दाना सूखा दाना दिया जाए.

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