Home सरकारी स्की‍म UP सरकार की इस योजना के तहत गोपलाकों को कितना और कैसे मिलता है नकद पुरस्कार
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UP सरकार की इस योजना के तहत गोपलाकों को कितना और कैसे मिलता है नकद पुरस्कार

ब्रुसेलोसिस ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है जो मुख्य रूप से पशुधन (जैसे गाय, भेड़, बकरी) में पाए जाते हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री पशु पालक प्रोत्साहन योजना चलाई जा रही है. जिसकी तहत पशुपालकों को 10 हजार से लेकर 15 हजार रुपए प्रति गाय की दर से नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाने का नियम है. अगर आप भी इस योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपको यह जानकारी हो कि आवेदन करने के बाद किस तरह से योजना का फायदा मिलेगा. इससे पहले के आर्टिकल में आवेदन करने का तरीका बताया गया था, जब आर्टिकल में हम आपको आवेदन के बाद की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

आवेदन हासिल होने के बाद सबसे पहले सम्बन्धित जनपद के उप दुग्धशाला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला समन्वयक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन द्वारा आवेदन का स्थलीय सत्यापन किया जाएगा. इसके बाद उप दुग्धशाला विकास अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और जिला समन्वयक, नन्द बाबा दुग्ध मिशन द्वारा स्थलीय सत्त्यापन समिति के माध्यम से पशुपालक की स्वदेशी नस्ल की गाय की दुग्ध उत्पादकता का स्थलीय सत्यापन कराया जायेगा. इसके तहत संबंधित जिले के उप दुग्धशाला विकास अधिकारी द्वारा नामित वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक, दुग्ध निरीक्षक राजकीय दुग्ध पर्यवेक्षक, सम्बन्धित विकास खण्ड के पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा नामित पशुधन प्रसार अधिकारी, स्थलीय सत्यापन समिति द्वारा लगातार 02 दिन 04 दुहान (सुबह और शाम) के आधार पर गाय की दैनिक दुग्ध उत्पादकता का निर्धारण करेंगे.

इस तरह होगा दूध का सत्यापन
आपको बता दें कि 4 दुहान का मतलब यह है कि प्रथम दुहान के बाद गाय का थन (Udder) खाली हो जायेगा. फिर दूसरी तीसरी और चौथी दुहान से सही दूध उत्पादन उपलब्ध होगा. गाय के एक दिन के दूध उत्पादन की गणना के अनुसार की जायेगी. स्थलीय सत्यापन समिति द्वारा गाय की दुग्ध उत्पादकता का निर्धारण आवेदन प्राप्त होने के 30 दिन के अन्दर किया जायेगा. स्थलीय सत्यापन समिति द्वारा किये गये सत्यापन में से पांच प्रतिशत पशुपालकों का रैंडम आधार पर द्वितीय सत्यापन, सम्बन्धित जिले की डिस्ट्रिक्ट एक्जीक्यूटिव कमेटी द्वारा कराया जाएगा.

प्रोत्साहन की रकम कैसे मिलेगी
पशुपालक द्वारा किये गये आवेदन पत्र का सत्यापन और दूध उत्पादकता के सम्बन्ध में स्थलीय सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने तथा अन्य आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत जनपद में गठित डिस्ट्रिक्ट एक्जीक्यूटिव कमेटी की संस्तुति प्राप्त की जायेगी. डिस्ट्रिक्ट एक्जीक्यूटिव कमेटी की संस्तुति के आधार पर परीक्षण के बाद स्टेट प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट, नन्द बाबा दुग्ध मिशन चयनित लाभार्थी को एक माह के भीतर एकमुश्त अनुदान डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा. बताते चलें कि योजना के क्रियान्वयन और मॉनीटरिंग के लिए नन्द बाबा दुग्ध मिशन सोसायटी नोडल एजेन्सी होगी.

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