Home पशुपालन Goat Farming: देश के इस हिस्से में बहुत है बकरे के मीट की डिमांड, जानें क्या है प्लान
पशुपालन

Goat Farming: देश के इस हिस्से में बहुत है बकरे के मीट की डिमांड, जानें क्या है प्लान

कीड़े बकरे के पेट में हो जाएं तो उसकी ग्रोथ रुकना तय है.
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है. बकरी पालन में मीट से अच्छी खासी कमाई की जाती है. क्योंकि मीट की डिमांड देशभर में है. जबकि देश के एक हिस्से में तो डिमांड बहुत ज्यादा है. गोट एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसान मीट को मद्देनजर रखते हुए बकरी पालन करें तो सालभर अच्छी इनकम हासिल कर सकते हैं. वहीं बकरे के मीट की बकरीद के मौके पर भी खूब डिमांड रहती है और इस मौके पर देश के लगभग हर हिस्से में और विदेशों में से भी बकरों की डिमांड आती है और बकरे का अच्छा दाम भी मिलता है.

आपको बता दें कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में बकरी पालन को लोकप्रिय बनाने के लिए आईसीएआर-सीआईआरजी ने आईसीएआर-राष्ट्रीय याक अनुसंधान केंद्र, दिरांग, अरुणाचल प्रदेश के सहयोग से बकरियों पर क्षेत्र स्तरीय प्रदर्शन (एफएलडी) इकाई शुरू की है. ताकि यहां के किसानों को बकरी पालन से जुड़ी जानकारी देकर उनकी इनकम को बढ़ाया जा सके. इसी क्रम में, वैज्ञानिक बकरी पालन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जिसमें 100 किसानों ने भाग लिया था. जिसमें किसानों को बकरी से जुड़ी अहम जानकारी दी गई. CIRG ने किसानों को बकरी का चारा, खनिज मिश्रण और सामान्य आवश्यक दवाइयां भी वितरित कीं.

वैक्सीनेशन और बीमारियों के बारे में बताया
वहीं CIRG के डायरेक्ट डॉ. मनीष कुमार चटली ने किसानों को अरुणाचल प्रदेश में बकरी पालन की संभावनाओं के बारे में बताया और कहा कि देश के इस हिस्से में बकरी के मांस की मांग बहुत अधिक है. उन्होंने जानकारी दी कि किसानों को बकरी के टीकाकरण प्रोटोकॉल और सामान्य बीमारियों और उनकी रोकथाम के बारे में भी बताया गया है. ताकि उन्हें बकरी पालन के प्रति जागरुक किया जा सके. उन्होंने खेती के लिए शुद्ध नस्ल के जानवरों के चयन के बारे में भी बताया.

ताकि एक मादा से लिये जाएं 6 बच्चे
मनीष कुमार ने पशुओं के प्रजनन स्वास्थ्य पर जोर दिया ताकि दो साल में एक मादा से कम से कम तीन प्रसव या 6 बच्चे लिए जाएं. उन्होंने बताया कि किसान बहुत उत्साहित थे और बकरी पालन को व्यवसायिक उद्यम के रूप में अपनाने के लिए तैयार थे. NRC, याक के निदेशक डॉ. मिहिर सरकार ने इस पहल के लिए CIRG को धन्यवाद दिया और इस क्षेत्र में मल्टीप्लायर झुंडों की स्थापना के लिए FLD को मजबूत करने का आश्वासन दिया. FLD इकाई में असम पहाड़ी बकरी के 25 मादा और 5 नर पशु हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: अलग-अलग फार्म से खरीदें पशु या फिर एक जगह से, जानें यहां

फार्मों में अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए संक्रमण के प्रवेश...

livestock animal news
पशुपालन

Milk Production: ज्यादा दूध देने वाली गायों को हीट से होती है परेशानी, जानें क्या है इसका इलाज

उच्च गुणवत्ता-युक्त अधिक दूध प्राप्त होता है, लेकिन ज्यादा तापमान युक्त हवा...

ब्रुसेलोसिस ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है जो मुख्य रूप से पशुधन (जैसे गाय, भेड़, बकरी) में पाए जाते हैं.
पशुपालन

Animal Husbandry: बरसात में पशुओं को इस तरह खिलाएं हरा चारा, ये अहम टिप्स भी पढ़ें

बारिश के सीजन में पशुओं को चारा नुकसान भी कर सकता है....

पशुपालन

CM Yogi बोले- IVRI की वैक्सीन ने UP में पशुओं को लंपी रोग से बचाया, 24 को मिला मेडल, 576 को डिग्री

प्रदेश सरकार के साथ मिलकर 2 लाख से अधिक कोविड जांच करवाईं....