नई दिल्ली. मुर्गियों में कॉक्सीडिओसिस नाम की खतरनाक बीमारी का खतरा हमेशा ही बना रहता है. इस परजीवि रोग के कारण मुर्गियों के झुंड के झुंड की मौत होने लग जाती है. वहीं मौत न भी हो तो भी मुर्गियां बीमार रहने लग जाती हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि यह रोग ईमेरिया जीनस के प्रोटोजोआ के कारण होता है. जिसमें सात प्रजातियां होती हैं. ई. एसर्वलिना, ई. ब्रनेट्टी, ई. मैक्सिमा, ई. माइटिस, ई. मिवाती, ई. नेकाट्रिक्स, ई. प्रीकॉक्स, ई. टेनेला और ई. हगनी) जो मुर्गियों को को प्रभावित करती हैं. रोग एक झुंड से दूसरे झुंड में कर्मियों, पैरों द्वारा और इस्तेमाल में आने वाले बर्तन के माध्यम से फैलता है. यह तिलचट्टे, चूहे, पालतू जानवर और जंगली पक्षियों के माध्यम से भी फैल सकता है. साथ ही गंदे खाद्य और पानी के जरिए भी इसका संक्रमण फैलता है.
आमतौर पर 4 से 8 सप्ताह की आयु के दौरान होता है. अधिकतर 10 सप्ताह की उम्र वाली मुर्गियों पर असर करती हैं. प्रभावित पक्षियों पंख झुके नजर आते हैं. एक दूसरे से चिपके रहते हैं और पानी या खूनी दस्त के कारण आमतौर पर मुर्गियां कमजोर हो जाती हैं. इसमें मृत्युदर लगभग 50 फीसदी होती है और प्रभावित पक्षी की उत्पादक क्षमता भी प्रभावित होती है. वहीं कमजोरी, कम वृद्धि, झुलसदार पंख, घाव और श्लेष्मा झिल्ली में खामियां, चॉकलेट रंग की चोंच के साथ कम अंडा उत्पादन जैसे लक्षण भी इस रोग के संकेत हैं.
कैसे किया जाए उपचार, जानें यहां
कॉक्सीडिओसिस को नियंत्रित करने के लिए किमोप्रोफाइलैक्सिस रसायन दवा सबसे प्रभावी तरीका है.
सल्फामिथाज़ीन (सल्फाडिमिडीन) पानी में 2 दिनों के लिए 0.1 फीसदी के दर से और उसके बाद 0.05 फीसदी के दर से 4 दिनों के लिए दिया जाना चाहिए.
सल्फाडिमिथोक्सिन 0.05% पानी में 5 दिनों के लिए, इसके बाद 6 दिनों के बाद फिर से देना चाहिए.
अम्प्रोलीयम हाइड्रोक्लोराइड 0.012 -0.024% पानी में 1-2 सप्ताह के लिए देना चाहिए.
क्लोरटेट्रासाइक्लिन या ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन 0.02 फीसदी 5 दिनों के लिए खाद्य में डालें और खाद्य में पर्याप्त कैल्शियम भी डालें.
क्लोपिडोल 0.0125-0.025 फीसदी खाने के साथ एक दिन से लेकर वयस्क होने तक की उम्र तक और इलाज के रूप में 2-4 दिनों के लिए 0.025-0.0375 फीसदी उपचार के लिए दिया जाना चाहिए.
3-50 डाइनट्रो-ओ-टूलामाइड 0.004-0.0125 खाद्य में डालें.
कोड्रिनल 4 ग्राम प्रति लीटर और 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में 2-4 दिन तक देने पर फायदा मिलेगा.
हलोफुगिनोन कंपाउंड 0.0003 परसेंट फीड में बिना वापसी समय के उपयोग करें.
मोनेन्सिन सोडियम 0.012 फीड में एक बार देने से राहत मिल जाएगी.
रोबेनिडाइन हाइड्रोक्लोराइड @0.0033 परसेंट फीड में डालें और 5 दिनों के बाद फिर दे सकते हैं.
मदुरामाईसिन 0.0005-0, 0006 परसेंट फीड में डालें.
निकारबाज़ीन खाद्य में @ 0.0125% परसेंट फीड में डालें.
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