नई दिल्ली. जिस तरह से आम इंसानों को शरीर में कुछ न कुछ परेशानी होती है. उसी तरह से पशुओं को भी होती रहती है. पशुओं की समस्याओं का घरेलू नुस्खों से इलाज किया जा सकता है. इसे परंपरागत इलाज कहा जाता है. जहां पशु चिकित्सकों की पहुंच तुरंत नहीं है तो वहां पहले इस तरह का इलाज पशुओं के लिए किया जाना चाहिए. हालांकि किसी भी तरह के इलाज के लिए पशु चिकित्सक से सलाह ले लेना हमेशा ही एक समझदारी वाला कदम कहा जा सकता है. ताकि पशुओं की स्थिति को जानकर वो इलाज बता सकें.
इस आर्टिकल में हम पशुओं को अमाशय में होने वाली परेशानी, जुबान के छाले, मस्सा, मक्खी से होने वाली स्किन प्रॉब्लम और दाद के बारे में बताने जा रहे हैं. इन परेशानियों का इलाज जड़ी-बूटियों से किया जा सकता है. इससे पशुओं को राहत मिल जाएगी. आइए इसके बारे में डिटेल से जानते हैं.
अमाशय में परेशानी हो तो क्या करें
अक्सर पशुओं को आमाशय में दिक्कत हो जाती है. इसकी दिक्कत दूर करने के लिए अदरक, सहजन और शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है. अदरक का रस 500 मिलीलीटर सहजन की पत्तियों का रस 500 मिली और शहद 200 मिलीलीटर मिलकर एक खुराक बनाएं. दिन में दो बार, दो दिन तक पिलाने पर आमाशय की दिक्कत दूर हो जाएगी.
जुबान में छाला पड़ने पर करें ये काम
पशुओं को जुबान में छाला भी पड़ जाता है. तब उन्हें बेहद दिक्कतों का सामना करना होता है. इमली, तिल का तेल इस परेशानी में फायदा पहुंचता है. इमली 100 ग्राम तिल का तेल 200 मिलीलीटर दोनों को मिलाकर पेस्ट बना लेना चाहिए. पेस्ट को मुंह के जुबान में दिन में तीन से चार बार लगाना चाहिए.
मस्सा के लिए क्या करें
पशुओं को मस्सा की भी परेशानी होती है. इससे दिक्कत को दूर करने के लिए बर्की थोहर का रस मस्से पर लगाना चाहिए. दिन में दो बार जब तक मस्सा गिर न जाए लगाते रहें. वहीं पपीता भी इसमें आराम पहुंचता है तो पपीते कर रस मस्से पर लगाएं. दिन में दो बार जब तक मस्सा गिर ना जाए.
दाद का है ये इलाज
मक्खी से होने वाली दिक्कतों के लिए धृतकुमारी के फलों को काटकर निचोड़ लें. रस को गाय के शरीर पर लगाएं और आसपास छिड़क दें. इसे जल्दी राहत हो जाएगी. खाज होने पर दादमुरदन ताजी या हवा में सूखी पत्तियों को एक मुट्ठी काटकर पानी और नींबू के रस में पेस्ट बनाएं. ब्रश का इस्तेमाल कर प्रभावी चमड़ी पर लगा दें.
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