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Animal Husbandry: गाय के नाम पर हो रहा था फर्जीवाड़ा, अब डुप्लीकेट टैग पर लगेगी लगाम

बैठक में अधिकारियों के साथ मंत्री जोराराम कुमावत.

नई दिल्ली. राजस्थान में गौवंश के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा था, इसका खेल सामने आने के बाद सरकार ने इसे रोकने के लिए अहम कदम उठाया है. वहीं अब डुप्लीकेट टैग पर भी लगाम लगाने की तैयारी है. दरअसल, प्रदेश की गौशालाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ अनुदान राशि का भुगतान समय पर मिले इसके लिए गोपालन विभाग ने अपनी एप में बदलाव किया है. इसके साथ ही डुप्लीकेट टैग के जरिए भुगतान उठाने की आशंका पूरी तरह से खत्म हो गई है.

दावा किया गया है इस एप में अपडेग्रेडेशन के बाद राज्य सरकार को करीब 29 करोड़ रुपए की राशि की बचत हुई है. गोपालन, डेयरी, पशुपालन एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने पत्रकारों से बातचीत में केंद्र व राज्य सरकार की ओर से पशुपालन व गोपालन विभाग की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार के समय गौवंश की संख्या अधिक बताकर करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान उठाने का मामला सामने आने पर उसकी जांच करवाई गई है.

28 गौशालाएं दोषी मिलीं, पेमेंट रोका
मंत्री ने कहा कि जांच के बाद अकेले जैसलेमर जिले में 28 गौशालाओं को दोषी पाए जाने पर उन्हें ब्लैकलिस्ट करते हुए वर्ष-2024-25 के दूसरे चरण का भुगतान रोक दिया गया. साथ इन गौशालाओं की विस्तृत व प्रभावी तरीके से जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को जांच सौंपी गई है. इसके अलावा पिछले कुछ समय से गौवंश के डुप्लीकेट टैग लगाकर उनकी संख्या अधिक दिखाकर भुगतान उठाने के मामले भी गोपालन विभाग ने पकड़े हैं. इस जांच में 49 हजार 314 फर्जी गौवंश का भंडाफोड़ करते हुए संबंधित गौशालाओं की अनुदान राशि रोकी गई है. इससे गोपालन विभाग ने 29 करोड़ 58 लाख 84 हजार रुपए की राशि की बचत की है.

811 करोड़ के लिए भौतिक सत्यापन कराया
गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि गौशालाओं को समय पर अनुदान राशि का भुगतान हो इसके लिए गोपालन विभाग की एप में अपग्रेडेशन किया गया है. इसके बाद नवंबर, दिसंबर-2024, जनवरी, फरवरी व मार्च-2025 तक के 150 दिन की बकाया करीब 811 करोड़ रुपए की राशि जल्द ही जारी की जाएगी. इसके लिए विभागीय स्तर पर भौतिक सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गौवंश की चिंता करते हुए दो बार में करीब 25 फीसदी तक प्रति गौवंश की अनुदान राशि में बढोतरी की है. इससे प्रदेश की तीन हजार से ज्यादा गौशालाओं के 13 लाख 80 हजार गौवंश को चारा, पानी इत्यादि उपलब्ध होगा.

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