Home पशुपालन भीषण गर्मी में यूपी की इन गोशालाओं में बेदम हो रहे गोवंश, कहीं मर गए तो कहीं मरने के कगार पर
पशुपालन

भीषण गर्मी में यूपी की इन गोशालाओं में बेदम हो रहे गोवंश, कहीं मर गए तो कहीं मरने के कगार पर

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भीषण गर्मी ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसका असर जानवरों पर भी हो रहा है. पालतू जानवरों के लिए उनके पालक व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन उन जानवरों पर क्या बीत रही है, जो खुले में गोशालाओं में रह रहे हैं. अब तो सूरज ने ऐसी आग उगलना शुरू कर दी है कि गोवंश अपनी जान से भी हाथ धो रहे हैं. यही वजह है कि विकास खंड गोवर्धन की ग्राम पंचायत पैंठा के गो आश्रय स्थल में गोवंश की दुर्गति हो रही है. यहां चारे के अभाव में गोवंश बेदम हो रहा है. कोई भी जिम्मेदार इस ओर देख नहीं रहा है. इस वृहद गौ आश्रय स्थल की देखभाल के लिए सिर्फ एक ही कर्मचारी तैनात कर रखा है. जबकि इस गोशाला में करीब 300 से ज्यादा गोवंश रहे हैं.

भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित कर दिया है.लोगों से लेकर पशुओं तक परेशान हैं. लोग तो एसी, कूलर, पंखों में खुद को गर्मी से निजात दिला रहे हैं लेकिन पशुओं के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की कई गोशालाओं में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. गोवंश बीमार होने के अलावा मर भी रहे हैं. भीषण गर्मी ने पूरे जनजीवन को प्रभावित कर दिया है.लोगों से लेकर पशुओं तक परेशान हैं. एक सप्ताह पहले ही उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद के टूंडला स्थित मदावली गोशाला में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते 10 गोवंशों ने बीमारी की हालत में दम तोड़ दिया था. अगर गो‌वंश को समय रहते से उपचार मिल जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी. गोवंशों की मौत पर डीएम ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है और एनजीओ संचालक के खिलाफ कार्रवाई के ​निर्देश दिए थे, जिस पर कार्रवाई भी हुई.

गर्मी से बेदम हो रहे 300 गोवंश
पैंठा ग्राम पंचायत में करीब सवा करोड़ रुपए की लागत से वृहद गो आश्रय स्थल का निर्माण करवाया गया है. इसमें करीब सैकड़ों गोवंश एकत्रित किया गया है. उनके लिए यहां पर्याप्त भूसे एवं पानी की व्यवस्था तो की गई है लेकिन हरे चारा, खल चुनी, आटा आदि के अभाव में गोवंश सूखा भूसा नहीं खा पा रहीं है. इससे दिन प्रतिदिन उनकी सेहत गिरती जा रही है. ज्यादातर गोवंश यहां बेदम सा निढाल हुआ पड़ा है. उनकी कोई भी सुधि लेने वाला यहां नजर नहीं आता है. ग्राम पंचायत द्वारा इस वृहद गौ आश्रय स्थल की देखभाल के लिए सिर्फ एक ही कर्मचारी तैनात कर रखा है. वह भी यहां सिर्फ सुबह शाम की औपचारिकता निभाकर निजी कार्यों से आता जाता रहता है. वहीं ग्राम प्रधान एवं सचिव एक कर्मचारी की तैनाती कर इस ओर से पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. विपिन गर्ग ने बताया कि पैंठा में करीब सवा करोड़ से वृहद गो आश्रय स्थल बनवाया है. इसमें करीब 300 गौवंश है. उनकी दुर्दशा के लिए ग्राम प्रधान जिम्मेदार है. इस बारे में उनसे वार्ता कर व्यवस्था सुधरवाई जाएगी.

दिनभर धूप में खड़े रहने की वजह से हो रहे हीटवेव का शिकार
क्षेत्र की नगला भीकन स्थित गोशाला में हीटवेव का शिकार हुए गोवंशों की मौत का सिलसिला थमा नहीं है. उपचार के बाद भी हीटवेव का शिकार गोवंश मरने लगे हैं. गुरुवार यानी छह जून-2024 को बीमार 15 गोवंश में से तीन की मौत के बाद शुक्रवार सात जून 2024 की देर रात भी चार गोवंश मर गए.दो दिन में 15 में से सात गोवंश की मौत होने के बाद पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया. बता दें कि नगला भीकन की गोशाला में 267 गोवंश हैं. गत दिवस इनमें से कई गोवंश हीटवेव की चपेट में आ गए थे. उपचार के बाद भी हीटवेव का शिकार गोवंश मरने लगे. शनिवार को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाक्टर विजयवीर गोशाला पहुंचे. उन्होंने गोशाला का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बीमार गोवंशों को उपचार दिलाया. पशु चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अरुण कुमार को आदेशित किया है कि बीमार गोवशों की देखभाल सही तरीके से की जाए. उन्हें शाम के समय गुड़ का घोल दें. सभी दवाएं समय से दी जाएं, जिससे उन्हें जल्द से जल्द आराम मिल सके.

जलेसर की इस गोशाला में नहीं हैं गर्मी से बचाव के इंतजाम
यूपी के एटा जिले में जलेसर की कान्हा गोशाला में गोवंश हीटवेव का शिकार हो रहे हैं. इसके साथ ही पांच से छह गोवंश मरणसन्न अवस्था में अंतिम सांस ले रहे है.गोशाला में पौष्टिक आहार के रूप में देने के लिए हरा चारा नहीं. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जलेसर की कान्हा गोशाला में पशुओं के लिए हरा चारा और ठंडे पानी की उचित व्यवस्था नहीं है. गर्मी से बचाने के लिए गोवंशों को ठंडे पानी से नहलाया भी नहीं जा रहा है. कुछ कूलर पंखा लगे हैं, लेकिन वह बिजली के न आने के कारण बंद पड़े हैं. गोवंशों के बैठने वाले टीनशेड में काली पालीथिन लगा दी गई है, जिससे लू रुक नहीं रही है और काली होने से कारण गर्मी से घुटन हो रही है. नगर पालिका ईओ का गोशाला की ओर ध्यान नहीं है. इस संबंध में पालिका ईओ को कई बार रिमांडर भी भेजे गए हैं. गोशाला में पांच से छह गोवंश मरणासन्न पड़े है, जिनका जलेसर के डिप्टी सीवीओ डॉ. नीरज शुक्ला की देख रेख में इलाज चल रहा है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

live stock animal news, Survey on farmers, farmers' income, farmers' movement, MSP on crops, Chaudhary Charan Singh Agricultural University, HAU, agricultural economist Vinay Mahala, expenditure on farming.
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं की इन चार परेशानियों का घर पर ही करें इलाज, यहां पढ़ें डिटेल

वैकल्पिक दवाओं की जानकारी पशुपालकों के लिए जानना बेहद ही अहम है....