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Animal Husbandry: पशुपालन में रुकाटवों को दूर करने का रोडमैप हुआ तैयार, जानें क्या होंगे काम

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गिर गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) ने पशुधन क्षेत्र के विकास में रुकावट डालने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए 2013 में राष्ट्रीय पशुधन नीति तैयार की है. इन चुनौतियों में चारा और चारे की कमी, कम उत्पादकता, पशुधन स्वास्थ्य, पशुधन और पर्यावरण, ज्ञान का अंतर और बिक्री, प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचा शामिल है. इस नीति का उद्देश्य किसानों की आजीविका में सुधार करते हुए पशुधन उत्पादकता और उत्पादन को स्थायी रूप से बढ़ाना है.

यह क्षेत्र में उत्पादकता, जैव सुरक्षा और मुनाफे में सुधार के लिए रिसर्च और विकास पहलों को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है. नीति स्वदेशी पशुधन और मुर्गी नस्लों के संरक्षण और आनुवंशिक सुधार को बढ़ावा देती है. इसका उद्देश्य पशुधन पोषण जरूरतों को पूरा करने और ज्यादा उत्पादकता हासिल करने के लिए चारा और चारे की उपलब्धता को बढ़ाना भी है. जिससे पशुपालकों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा.

नस्ल सुधार पर दिया जा रहा ध्यान
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) को राष्ट्रीय पशुधन नीति 2013 की तर्ज पर 2014-15 से शुरू किया जा रहा है, जिसमें वित्तीय सहायता देकर चारा और चारे के विकास, संकटग्रस्त नस्लों के संरक्षण और आजीविका विकास के लिए किसानों को प्रजनन स्टॉक उपलब्ध कराने के लिए गतिविधियां की गईं हैं. 2021-22 में पुनर्गठित, एनएलएम में तीन उप-मिशन हैं. पशुधन और मुर्गी पालन के नस्ल विकास पर उप-मिशन में नस्ल गुणन फार्मों की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी प्रदान करके एनएलएम-उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी-एनएलएम) के माध्यम से मुर्गी पालन, भेड़, बकरी और सूअर पालन में उद्यमिता विकास और नस्ल सुधार पर ज्यादा ध्यान देने का प्रस्ताव है.

चारे की चुनौतियां होंगी खत्म
चारा और चारा विकास पर उप-मिशन चारा और चारे की चुनौतियों का समाधान करने के लिए जारी है, सरकार चारा विकास में उद्यमिता को बढ़ावा देने के अलावा गुणवत्तापूर्ण (ब्रीडर, फाउंडेशन और प्रमाणित) चारा बीज के उत्पादन के लिए सार्वजनिक और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी को बढ़ावा दे रही है. विस्तार और नवाचार पर उप-मिशन को पशुधन बीमा सहित अनुसंधान और नवाचार की गतिविधि के साथ कार्यान्वित किया जाता है. घोड़ों, ऊँटों और गधों की स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और आनुवंशिक सुधार; बंजर भूमि और बंजर वन भूमि से चारा विकास और चारा बीज प्रसंस्करण में उद्यमिता को शामिल करके इसके दायरे का विस्तार करने के लिए फरवरी 2024 में इस योजना को और संशोधित किया गया है.

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