नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि किसानों को इससे फायदा मिल सके. वहीं पशुपालन के दौरान पशुओं को बीमारियों का भी खतरा रहता है. इन बीमारियों से बचाव करना बेहद ही जरूरी होता है. तभी पशुओं से बेहतर उत्पादन मिल सकता है. वहीं बीमारियों से बचाव न हो तो पशुओं की जान भी जा सकती है. इसके चलते पशुपालकों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. इसलिए पशुओं को बीमारियों से बचाना जरूरी होता है. तभी पशुपालन का असली फायदा मिलता है.
यही वजह है बिहार सरकार की ओर से पशुओं को बीमारियों बचाव के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई जीपीएस सुविधा से लैस वाहन को बनाया गया है. ताकि पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सके.
आइए इस बारे में डिटेल से जानते हैं
- इस वाहन में पशु रोगों की पहचान, पशु चिकित्सा और लघु सर्जरी, ऑडियो-विजुअल प्रचार के लिए जरूरी उपकरण के साथ पशुओं की चिकित्सा के लिए आवश्यक दवा इत्यादि की सुविधा उपलब्ध रहती है.
- इसका संचालन हर दिनों में सुबह 9.00 बजे से शाम को 05.00 बजे तक किया जाता है. इस दौरान पशुपालक इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं.
- इस वाहन से तुरंत और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिलती है. जिससे पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार हो रहा है.
- पशुओं में संक्रामक रोग फैलने की स्थिति में रोग की तुरंत जांच और प्रभावी नियंत्रण संभव हो रहा है.
- पशुपालकों के बीच विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी हो रहा है.
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई के माध्यम से पशुपालकों के द्वार पर पशु चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराना है.
इसके फायदे क्या हैं
- सुदूर इलाकों से बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में होने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है. पशुपालकों को इससे राहत मिल रही है.
- बीमार पशुओं को पशु चिकित्सालय लाने में लगने वाले समय और खर्च की बचत हो रही है. इससे पशुपालकों को फायदा हो रहा है.
- अस्वस्थ पशुओं को त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिल रही है. इससे वो जल्दी से स्वस्थ हो जाते हैं.
- राज्य के पशुपालक निर्धारित अवधि में टोल फ्री नम्बर 1962 पर कॉल कर या फिर मोबाइल एप के माध्यम से कॉल सेंटर में पशु चिकित्सा के लिए सम्पर्क करते हैं.
- सम्पर्क के बाद कॉल सेंटर में उनका पंजीकरण कर प्रत्येक केस के लिए एक यूनिक आईडी जारी की जाती है.
- कॉल सेन्टर में कार्यरत कॉल एग्जीक्यूटिव के द्वारा संबंधित प्रखंड अन्तर्गत संचालित मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई को इसकी सूचना दी जाती है.
- मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई की उपलब्धता के अनुसार इनके माध्यम से पशुपालकों के घर पर पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.
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