Home पशुपालन Animal Husbandry News: रेबीज से कैसे किया जाए बचाव, बीमारी के लक्षण के बारे में भी पढ़ें यहां
पशुपालन

Animal Husbandry News: रेबीज से कैसे किया जाए बचाव, बीमारी के लक्षण के बारे में भी पढ़ें यहां

कुत्ते के काटने की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. गर्मी के दिनों में कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि कुत्तों को भरपूर पानी नहीं मिलता है और गर्मी से परेशान रहते हैं, इसलिए वो काटने लग जाते हैं. सबसे ज्यादा नुकसान पशुओं को काटने से होता है. पशु कुत्तों से खुद की हिफाजत भी नहीं कर पाते हैं. इसलिए कुत्तों से खासकर डेयरी पशुओं को बचाने की जरूरत होती है. कई बार पता भी नहीं चल पाता है कि जानवरों को कुत्ते ने काटा है. अगर ऐसा होता है तो पशुओं को रेबीज की बीमारी लग सकती है. वक्त पर इलाज न होने के चलते जानवरों की मौत हो जाती है. इसलिए बचाव करना बेहद ही जरूरी है.

एमिनल एक्सपर्ट का कहना है कि वैसे तो पशुओं को भी लगाने के लिए रेबीज की वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन ये तब संभव होगा कि जब आपको पता चल जाए कि पशु को कुत्ते ने काटा है. अगर पता नहीं चलता है तो फिर आप पशु को वैक्सीन भी नहीं लगवा पाएंगे और इससे उनकी मौत भी हो सकती है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसलिए बेहद ही अहम हो जाता है कि रेबीज से बचाव के उपाय किए जाएं. अगर ऐसा किया जाएगा तो फिर रेबीज का खतरा पशुओं को होगा ही नहीं और न ही वो बीमार होंगे. इस आर्टिकल में हम आपको पशु एवं मत्स्य संसाधान विभाग बिहार सरकार की ओर से जारी बचाव के उपाय रेबीज रोग के लक्षण के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

रेबीज रोग से बचाव के उपाय क्या हैं

कुत्तों में प्री-एक्सपोजर टीकाकरण करायें.

कुत्ते में पहला टीकाकरण- तीन माह की उम्र में तथा बूस्टर टीकाकरण पहले टीकाकरण के तीन सप्ताह बाद कराना है.

इसके बाद वर्ष में एक बार कुत्तो को टीका दिलाना है.

घरेलू कुत्तों के साथ-साथ बेसहारा कुत्तों का भी टीकाकरण किया जाना चाहिए.

जानवर के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन के लिए तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.

रेबाज रोग के बारे में पढ़ें

रेबीज एक बेहद ही घातक वायरस से होने वाली बीमारी

रोग ग्रस्त पशुओं के काटने से यह बीमारी मनुष्यों में भी फैलती है.

बीमारी के लक्षण सामने आने के बाद अभी तक इस रोग का कोई खास चिकित्सा उपलब्ध नहीं है.

रेबीज रोग के लक्षण :

यह रोग प्रभावित मनुष्य या पशु के तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाता है.

शुरुआती लक्षण – सुस्ती, ज्वर, उल्टी अथवा मिचली, भूख न लगना इत्यादि हैं.

अन्य कठिनाईयों लकवा, सांस लेने और भोजन अथवा पानी निगलने में कठिनाई, असामान्य व्यवहार हैं.

रोग की अंतिम अवस्था में प्रभावित पशु एवं मनुष्य की मृत्यु हो जाती है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Goat Farming, Goat Farm, CIRG, Pure Breed Goat
पशुपालन

Goat Farming: बारिश में बकरियों का ऐसे रखे ख्याल तो नहीं लगेगी कोई बीमारी, पढ़ें डिटेल

अगर बकरियों को ठीक से आहर दें तो स्वास्थ्य ठीक रह सकता...

livestock animal news
पशुपालनसरकारी स्की‍म

Animal Husbandry: यूपी में खुरपका-मुंह पका रोग को रोकने को महाअभियान, करा रहे वैक्सीनेशन

पशु विभाग की टीमें गांव-गांव पहुंचकर गोवंशीय और पशुओं का टीकाकरण कर...

barbari goat, Goat Breed, Bakrid, Sirohi, Barbari Goat, Goat Rearing, CIRG, Goat Farmer, Moringa, Neem Leaf, Guava Leaf, goat milk, milk production
पशुपालन

Animal Husbandry: गर्भावस्था और प्रसव के दौरान इन बातों का जरूर ख्याल रखें बकरी पालक

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के मुताबिक इन बकरियों को ब्याने...

तोतापरी की बकरी के पालन में बहुत ही कम लागत आती है. तोतापुरी या तोतापरी बकरी कम लागत में पालकर मोटी कमाई की जा सकती है.
पशुपालन

Goat Farming: कितने वक्त के लिए हीट में रहती है बकरी, क्या है इसकी पहचान, जानें यहां

हीट में आई बकरियों की मदकाल (गर्मी) में आने के 10-12 घण्टे...