नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं के खानपान का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है. पशु क्या खा रहा है और उसे आप खाने के लिए क्या दे रहे हैं. इन बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए. अगर आप पशुओं को खुद से खाने के लिए चारा दे रहे हैं तब तो समझ में आता है लेकिन कई बार जब पशु को आप चराई के लिए मैदान में ले जाते हैं तब आपके लिए यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि पशु क्या खाएगा. क्या नहीं खाएगा. इसलिए जब पशु को चराई के लिए मैदान में ले जाएं तब खास ख्याल रखें कि पशु ने क्या खाया और कितना खाया है.
एक्सपर्ट का कहना है कि जब पशु चराई के लिए मैदान में जाता है, तब उसका यह ध्यान नहीं रहता कि वह कितना खा रहा है. कई बार पशु ज्यादा भी खा लेता है तो इसके चलते पशुओं को कई तरह की पाचन संबंधित परेशानियां हो जाती हैं. ऐसे में भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. ताकि पशुओं की पाचन संबंधित कोई दिक्कत न आए. आइए इस बारे में जानते हैं कि क्या करना चाहिए.
कैसी जगह पर चराई के लिए ले जाएं
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि पशु अगर हरा चारा बाहर चरने जा रहा है तो उसको सूखा चारा भी हम पहले से ही खिला दें. ये तय करें कि हरा चारा हम उसको उतना ही दें जितनी उसकी आवश्यकता है. क्योंकि ज्यादा हरा चारा खाना भी पशुओं के लिए फायदेमंद होने की जगह नुकसानदेह साबित हो सकता है. पशु जिस जगह चरने के लिए जा रहा है, वहां पर ताजा ताजा उर्वरक का छिड़काव नहीं किया होना चाहिए. अगर इस तरह की जगह पर पशु को चराई ले जाएंगे तो फिर दिक्कत हो सकती है. ऐसी जगह पर भी चराई के लिए नहीं ले जाएं जहां पर कीटनाशक पदार्थ का छिड़काव किया गया हो. ऐसे में भी पशुओं को कई तरह की परेशानियां हो सकती है. ऐसी जगह पर कुछ समय बाद चराई के लिए ले जाना चाहिए.
कई बार पशुओं की हो जाती है मौत
कई बार यह भी होता है कि बाहर ऐसी जगह पर पशु चरने के लिए जाते हैं, जहां पर अगर कोई इंडस्ट्री का पॉल्यूशन या हेवी मेटल का पॉल्यूशन होता है. ऐसे में इन चीजों से पशुओं को परेशानी हो सकती है. इन चीजों का भी ध्यान पशुपालकों को रखना चाहिए. इसलिए पशुपालक भाइयों को पशुओं की चराई अपनी देखरेख में ही कराना चाहिए. कई बार लेगुमिनस कुल के पौधे खाने से पशुओं को परेशानी हो सकती है. अगर पशु ज्यादा मात्रा में लूसर्न, ग्वार और बरसीम ज्यादा मात्रा में एक साथ खा लेंगे तो पशुओं में विषाक्ता हो जाती है. इतना ही नहीं सेपोनिन के कारण पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है.
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