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Animal Husbandry: अमित शाह ने पशुपालन से जुड़ी तीन समितियां बनाने पर लगाई मुहर, होंगे ये बड़े काम

mutual cooperation will definitely strengthen cooperatives and farmer-centric schemes will be implemented all over India.
बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह व अन्य.

नई दिल्ली. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारी डेयरी क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी और सर्क्युलैरिटी विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक में पशुपालन से जुड़ी तीन समितियां बनाने पर मुहर लगा दी है. ये फैसला पीएम मोदी के “सहकार से समृद्धि” के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए लिया गया है. पहली समिति पशु आहार निर्माण, रोग नियंत्रण और कृत्रिम गर्भाधान पर काम करेगी, दूसरी गोबर प्रबंधन के मॉडल विकसित करेगी, और तीसरी मृत मवेशियों के अवशेषों के सर्क्युलर उपयोग को बढ़ावा देगी. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि जब हम श्वेत क्रांति 2.0 की ओर अग्रसर है, तो हमारा लक्ष्य केवल डेयरी सहकारिता का विस्तार करना और उन्हें दक्ष एवं प्रभावी बनाना ही नहीं होना चाहिए बल्कि डेयरी के एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना चाहिए जो सतत हो और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता हो.

उन्होंने कहा कि अगर किसानों की आय में वृद्धि करनी है तो हमें एकीकृत सहकारिता के नेटवर्क का सृजन करना होगा जहां अधिकांश कार्य पारस्परिक सहयोग और सहकारिताओं के बीच में ही हो. शाह ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि वैज्ञानिक मॉडल के माध्यम से कार्बन क्रेडिट का प्रत्यक्ष लाभ किसानों तक पहुंचाया जाए. साथ ही उन्होंने दुग्ध संघों एवं सहकारी समितियों को सशक्त बनाने तथा डेयरी संयंत्रों में खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. ये सभी प्रयास न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेंगे, बल्कि डेयरी क्षेत्र को अधिक सतत एवं पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होंगे.

कौन से काम होंगे, पढ़ें यहां
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता ग्रामीण विकास का मूल मंत्र है और सहकारी डेयरी क्षेत्र इसका एक उत्तम उदाहरण है, जो हमारे लाखों ग्रामीण परिवारों को आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन उपलब्ध कराता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि डेयरी सहकारी समितियाँ भारतीय दुग्ध क्षेत्र में दूध उत्पादन और विपणन के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. ये समितियाँ छोटे किसानों को स्थिर बाजार, ऋण सुविधा, पशु चिकित्सा और प्रजनन जैसी सेवाएं प्रदान कर न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रही हैं, बल्कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर उन्हें सशक्त भी बना रही हैं. कहा कि हमें मिलकर ‘सस्टेनेबिलिटी से सर्क्युलैरिटी’ तक का सफर तय करना है जो बहुआयामी होगा और जो कार्य आज निजी क्षेत्र कर रहे है वे कार्य किसानों की अपनी सहकारी संस्था करेगी. इसमें तकनीकी सेवाएँ, पशु आहार, कृत्रिम गर्भाधान, पशु रोग नियंत्रण, गोबर प्रबंधन तथा डेयरी और कृषि से संबद्ध क्षेत्रों में संकलन से लेकर प्रोसेसिंग तक की गतिविधियां शामिल हैं.

विकास भारत के लिए ये प्रयास हैं जरूरी
सहकारिता मंत्री ने अमूल जैसे सफल सहकारी मॉडल का उल्लेख करते हुए कहा कि “सहकार से समृद्धि” का विज़न आज साकार हो रहा है और इसमें “सहकारिता में सहकार” एक अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों और हितधारकों के साथ मिलकर न केवल डेयरी क्षेत्र में इस सफलता को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि ग्राम स्तरीय सहकारी समितियों को अन्य गतिविधियों से भी जोड़कर उन्हें विस्तारित और मजबूत कर रहा है. शाह ने कहा कि ये सभी प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र के विकसित भारत के लक्ष्य को समेकित रूप से हासिल करने में सहायक सिद्ध होंगे.

बायो गैस ओर कोबर प्रबंधन कार्यक्रम किया जा रहा है विस्तारित
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय सभी हितधारकों को एक साथ लाया है जिससे अब नीति निर्माण, वित्त पोषण से लेकर ग्राम स्तरीय सहकारिता के गठन और उन्हें बहुउद्देशीय बनाने का कार्य तीव्र गति से हो रहा है. एनडीडीबी ने सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किया है और उनके द्वारा विकसित बायोगैस और गोबर प्रबंधन कार्यक्रम आज पूरे देश में विस्तारित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसे और आगे ले जाने की जरूरत है. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने सहकारिता के उन्नयन के लिए कार्य कर रही राष्ट्रीय संस्थाओं जैसे राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, नाबार्ड इत्यादि की सराहना की. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन में इनके परस्परिक सहयोग से निश्चित रूप से सहकारिता को बल मिलेगा और किसान केन्द्रित योजनाओं को पूरे भारत वर्ष में लागू किया जा सकेगा.

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