नई दिल्ली. जहां एक ओर केंद्र सरकार पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को बढ़ाने का काम कर रही है तो वहीं राज्य सरकारें भी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. राजस्थान में डेयरी व्यवसाय और महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए एनडीडीबी की मदद से राज्य सरकार ने बड़ा काम किया है. इससे लोगों की आजीविका बढ़ेगी. राज्य में दूध उत्पादन भी बढ़ेगा और ये कहीं न कहीं देश की तरक्की में राज्य की ओर से की गई एक नेक पहल के तौर पर गिना जाएगा. राजस्थान के अलवर में इसको लेकर एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जहां केंद्रीय राज्यमंत्री भी मौजूद रहे.
कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव जी (Bhupender Yadav ने सरस डेयरी परिसर (Saras Dairy Rajasthan), अलवर में आयोजित कार्यक्रम में सभा को संबोधित किया. इस दौरान काफी संख्या में किसान मौजूद रहे. सभी में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र (Narendra Modi) और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की विकास यात्रा को नया आयाम मिल रहा है.
केंद्रीय मंत्री ने गिनाए फायदे
मंत्री भूपेंद्र यादव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) अलवर को पानी और दूध की सौगात दे रहे हैं, जिससे क्षेत्र में समग्र विकास को बल मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे जिले के अलावा आसपास के जिले के लोगों को भी फायदा होगा. विकास जब होता है इसकी छीटें दूर तक गिरती हैं. केंद्रीय मंत्री ने डेयरी क्षेत्र में एनडीडीबी की सक्रिय भूमिका की सराहना करते हुए एनडीडीबी अध्यक्ष, डॉ. मीनेश शाह (Meenesh C Shah) को बधाई दिया. उन्होंने कहा कि एनडीडीबी के प्रयासों ने अलवर में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने अलवर में डेयरी क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए एनडीडीबी द्वारा किए जा रहे विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी और मुख्यमंत्री जी से उनके मार्गदर्शन का अनुरोध किया.
क्या-क्या काम होंगे जानें यहां
- एनडीडीबी अलवर में डेयरी प्लांट के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी.
- कृत्रिम गर्भाधान एवं सेक्स-सॉर्टेड सीमन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
- एनडीडीबी चारा बीज की उपलब्धता के लिए सहायता प्रदान करेगी.
- एनडीडीबी के सहयोग से उन्नत डेरी प्रौद्योगिकी हेतु अलवर के किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
- एनडीडीबी के निर्देशन में प्लांट की उत्पादन क्षमता का विस्तार किया जाएगा.
- चमड़े की जूती बनाने हेतु एक सहकारी समिति का गठन किया जाएगा.
- घरेलू बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की जाएगी.
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