Home डेयरी Dairy Animal Fodder: दुधारू पशु को मकचरी खिलाने के क्या हैं फायदे, इसकी खासियत भी जानें यहां
डेयरी

Dairy Animal Fodder: दुधारू पशु को मकचरी खिलाने के क्या हैं फायदे, इसकी खासियत भी जानें यहां

सीता नगर के पास 515 एकड़ जमीन में यह बड़ी गौशाला बनाई जा रही है. यहां बीस हजार गायों को रखने की व्यवस्था होगी. निराश्रित गोवंश की समस्या सभी जिलों में है इसको दूर करने के प्रयास किया जा रहे हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. दुधारू पशुओं को अगर ऐसा चारा खिलाया जाए, जिससे उनका दूध उत्पादन बढ़े, पशु स्वस्थ रहें और उनकी पाचन क्रिया भी अच्छी रहे तो कितना बेहतर होगा. अगर आप ऐसे चारे की तलाश में हैं तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल, आप पशुओं को मकचरी खिला सकते हैं. मकचरी जिसे मक्का के नाम से भी जाना जाता है, यह पौष्टिक चारा है जो दुधारू पशुओं के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है. पशुपालन विभाग राजस्थान (Animal Husbandry Department Rajasthan) के एक्सपर्ट ने लाइव स्टक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) से बताया कि मकचरी में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो दूध उत्पादन बढ़ाने में बेहद ही मददगार साबित होते हैं.

ऐसे में मगर आप मछली पशुओं को खिलाते हैं तो इसका फायदा पशुपालन में आपको नजर आएगा. उनकी हैल्थ बेहतर रहेगी. जिससे डेयरी फार्मिंग के काम में आपको मुनाफा कमाने का ज्यादा मौका मिलेगा.

मकचरी के बारे में यहां पढ़ें
मकचरी की यह विशेषता होती है कि इसमें एक ही कल्ले से अनेक कल्ले फूटते हैं, जिससे एक छोटा समूह बन जाता है.

प्रति हैक्टर 40 किलो ग्राम बीज की जरूरत होती है. इसको बोने की विधि मक्का के समान है.

100 कि.ग्रा. नाइट्रोजन और 40 कि.ग्रा. फॉस्फोरस तथा 40 किलो ग्राम पोटाश हैक्टर की दर से प्रयोग करना चाहिए.

फसल बुआई के 2 से 3 माह बाद चारे की कटाई के योग्य होती है. एम.पी. चरी की भांति इसकी भी दो से तीन कटाइयां प्राप्त की जा सकती हैं.

इसकी उपज 600-800 क्विंटल प्रति हैक्टर होती है. हरे चारे की आवश्यकता पशु के शरीर भार, नस्ल तथा प्रकार पर निर्भर करती है जैसा कि सारणी-1 में दर्शाया गया है.

गाय और भैंस को कितना खिलाएं मकचरी चारा
गाय को आप मकचरी की फसल 25 किलो प्रतिदिन खिला सकते हैं. वहीं इसमें आपको 8 किलो सूखा चारा भी देना होगा. हरा चारा सालाना 9125 किलोग्राम और सूखा चारा 2920 किलोग्राम दे सकते हैं.

वहीं अगर भैंस की बात की जाए तो 30 किलोग्राम प्रतिदिन आप मकचरी उन्हें खिला सकते हैं और सालाना 10950 किलोग्राम ये चारा दें. इसके साथ 10 किलो प्रति दिन सूखा और सालाना 3650 किलोग्राम सूखा चारा खिला सकते हैं.

निष्कर्ष
आप इस आर्टिकल को पढ़कर समझ गए होंगे कि मकचरी दुधारू पशुधन के लिए एक महत्वपूर्ण चारा फसल है, जिसको देने के कई फायदे हैं. इसलिए आप भी इसमें इंवेस्ट कर सकते हैं.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

चारे की फसल उगाने का एक खास समय होता है, जोकि अलग-अलग चारे के लिए अलग-अलग है.
डेयरी

Dairy: दुधारू पशुओं के लिए लाोबिया और ज्वार की बुआई में किन बातों का रखें ध्यान, जानें यहां

खरीफ में बोई गई फसलों को सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती...