नई दिल्ली. कृषि को किस तरह से आर्थिक विकास और अवसर का इंजन बनाया जाए, इसको लेकर पिछले दिनों नई दिल्ली में आयोजित किए गए कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई और किसानों की आय बढ़ाने के संबंध में कई बातें निकलर सामने आई. इस दौरान अमूल के पूर्व एमडी आरएस सोढी, नाबार्ड के पूर्व चेयरमैन डॉ. हर्ष कुमार भानवाला व नीति आयोग के सदसय डॉ. रमेश चंद्रा के अलावा तमाम मेहमान शामिल हुए थे. इस दौरान आरएस सोढी ने कहा कि बाजार की तस्वीर अब बदल चुकी है. ब्रांड और पैकिंग के साथ ही यदि आपके प्रोडक्ट में तीन खास बातें हैं तो हजारों साल ये ग्राहकों के दिलों पर राज करेगा. मार्केट का यह फंडा हजारों साल से आज भी जस का तस कायम है.
ऐसा प्रोडक्ट खूब ज्यादा बिकेगा
उन्होंने आगे कहा कि आज बाजार में बिकने वाले फूड आइटम में ग्राहक को ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन, फैट, एनिमल सोर्स चाहिए. यही वजह है कि सालों साल पुराना फंडा अभी भी कायम है. आने वाले वक्त में भी कायम रहेगा. ग्राहकों को टेस्ट, न्यूट्रिशन बजट में आने वाला प्रोडक्ट चाहिए होता है. उदाहरण देकर समझाते हुए कहा कि ऐसे समझ जा सकता है कि दूध का उत्पादन 10 गुना, पोल्ट्री का 23 गुना, फिशरीज का 12 गुना और फल सब्जी का साढे 5 गुना बढ़ चुका है. किसानों का उसका उत्पादन और बढ़ाना चाहिए, जिससे बाजार में और ज्यादा डिमांड बढ़ जाए. ब्रांड और पैकिंग ऐसे प्रोडक्ट के लिए सोने पर सुहागा साबित होंगे. मार्केट स्टडी से पता चला है कि आज देश के गांव तक पैक्ड फूड और ब्रांड पर ही लोक चर्चा कर रहे हैं.
गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने की है जरूरत
वहीं कार्यक्रम में मौजूद नीति आयोग के सदस्य और कृषि अर्थशास्त्री प्रोफेसर रामचंद्र ने संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए किसान और कृषि क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है. किसानों की इनकम बढ़ाने कर उन्हें मजबूत बनाना होगा. जबकि ई-कॉमर्स प्लेटफार्म भी कृषि के मार्केटिंग के लिए नए रास्ते खोल सकते हैं. किसानों को उन्होंने किसानों से अपील की है कि ओएनडीसी जैसे प्लेटफार्म का फायदा उठाएं. डेयरी और पशुपालन सेक्टर भी किसानों की इनकम बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं. कार्यक्रम में डॉक्टर भानवाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने जाने की जरूरत है. इसके साथ ही स्किल डेवलपमेंट पर खास जोर दिया जाए. अगर गांव तक इंटरनेट बहुत जाए तो साल 2047 की कृषि से जुड़ी योजनाएं पूरी हो जाएगी.
Leave a comment