नई दिल्ली. लगातार बढ़ रहे दूध के दाम ने आम लोगों को परेशान कर दिया है. हर छह महीने में दूध कंपनियां दूध के साथ ही डेयरी प्रोडेक्ट के दामों को बढ़ाकर उपभोक्ता के सामने संकट खड़ा कर देते हैं. ऐसे में मदर डेयरी ने बयान जारी कर कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी न करने का एलान किया है, जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर ज्यादा बोझ न पड़े. मेदर डेयरी ने कहा कि दूध की महंगाई हाल के दिनों में कम हुई है. दूध की कीमतों में आखिरी बढ़ोतरी (मदर डेयरी द्वारा) फरवरी 2023 में घोषित की गई थी. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, कुल दूध उत्पादन में प्राकृतिक कमी होने लगती है. हालांकि इस बार भी कीमतों में कोई बेतहाशा उछाल नहीं आएगा. गर्मी सितंबर तक रहती है, जब दूध की कुछ कमी स्वाभाविक रूप से होती है. कंपनी को कीमतों के संदर्भ में मामूली (ऊपरी) उतार-चढ़ाव की उम्मीद है. मदर डेयरी प्रतिदिन करीब 5 मिलियन लीटर दूध बेचते हैं और मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश की सहकारी समितियों और उत्पादक कंपनियों से खरीदते हैं. दूध की बिक्री सालाना 8 से 10 फीसदी बढ़ रही है.
मदर डेयरी ने पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड बिक्री हासिल की. हालांकि कारोबार में वृद्धि वित्त वर्ष 23 की तुलना में धीमी रही. धीमी वृद्धि के क्या कारण रहे? इस पर कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड बिक्री कारोबार हासिल किया, फिर भी साल-दर-साल वृद्धि मामूली रही. पिछले साल, ठंडे मौसम (सीज़न के दौरान) के कारण गर्मियों की मांग कम हो गई थी. पिछले साल गर्मी के महीनों में बेमौसम बारिश के कारण सभी पेय कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इसका असर हमारे डेयरी और ‘सफल’ कारोबार पर पड़ा. इस साल, हम गर्मी के मौसम में देरी की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ेगी.
लंबी सर्दी ने दूध उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ावा देने में मदद नहीं की
कुल मिलाकर फ्लश सीज़न (जब सर्दियों के महीनों के दौरान दूध का उत्पादन बढ़ता है) सकारात्मक रहा है. सर्दियों के महीनों में कंपनी को पर्याप्त और अधिक दूध मिलता था. स्किम्ड मिल्क पाउडर और मक्खन के अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम हो गई हैं और निर्यात कम हो गया है, जिस कारण निजी खिलाड़ियों ने विनिर्माण के साथ-साथ खरीद भी कम कर दी है. मदर डेयरी और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ या अमूल जैसे संगठनों पर किसानों से दूध खरीदने का दायित्व है. पिछले वर्ष की तुलना में सर्दियों के महीनों के दौरान खरीद बहुत अधिक रही है. पिछले साल, अन्य कारकों के अलावा, लंपी बीमारी यानी गांठदार त्वचा रोग की घटनाओं के कारण पूरे साल दूध की कमी रही थी.इसमें निजी खिलाड़ियों द्वारा निर्यात मजबूत था.
ये है इस वित्तीय वर्ष में बिक्री लक्ष्य
मदर डेयरी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में हम मजबूत मात्रा में बिक्री वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. हम अपने 15 हजार करोड़ रुपये के टर्न ओवर में 2,000-2,500 करोड़ रुपये जोड़ने की योजना बना रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में, हमने 4,000-4,500 करोड़ रुपये जोड़े हैं, जिसका अर्थ है कि इस अवधि के दौरान 40-45% की वृद्धि हुई है. हमारा धारा ब्रांड नाम के तहत खाद्य तेल का व्यवसाय है, जो हमारी कुल बिक्री में 20% योगदान देता है. यह लगातार बढ़ रहा है और उद्योग श्रेणी की वृद्धि दर से दोगुनी वृद्धि दर देखी जा रही है. हम अच्छी गर्मी और उपभोक्ता मांग के साथ एक अच्छे वर्ष की आशा करते हैं. अतिरिक्त मानसूनी बारिश की संभावनाओं के कारण अगले सर्दियों के महीनों के लिए दूध की उपलब्धता ठीक रहनी चाहिए.
बिक्री बढ़ाने के लिए मदर डेयरी उठा रही ये कदम
मदर डेयरी इस बार 30 नए उत्पाद पेश कर रही है, जिनमें 20 नए आइसक्रीम वेरिएंट, कुकीज़ और रस्क जैसे ब्रेड एक्सटेंशन शामिल हैं. इसके अलावा, दूध और सफल बूथों से डेयरी उत्पादों की ऐप-आधारित होम डिलीवरी शुरू करेंगे. कंपनी ने इन बूथ-विशिष्ट ऐप को दिल्ली-एनसीआर में 50 स्थानों पर लॉन्च किया है और इस सुविधा को 400-500 बूथों तक विस्तारित करने का लक्ष्य है, जहां उपभोक्ताओं को मदर डेयरी के उत्पाद उनके दरवाजे पर मिलेंगे. यदि ये मॉडल सफल होता है, तो कंपनी ऐसे और अधिक स्थानीयकृत ऐप्स बनाएंगे। कंपनी ने एक पायलट परीक्षण किया है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.
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