नई दिल्ली. इन दिनों भारत में कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है. वहीं उत्तराखंड में भी भारी बारिश हो रही है और भूस्खलन भी हो रहा है. इससे पशुओं की मौत भी हो रही है. वहीं पशुओं की हिफाजत करने के लिए पशुपालन विभाग की टीम और अन्य विभाग की टीम पशुपालकों की मदद कर रही है. बारिश की वजह से एक घटना हुई और गत एक सितंबर रात्रि को जनपद बागेश्वर में भतरौला निवासी गणेश राम पुत्र स्वर्गीय बची राम का पशु बाड़ा ढह जाने से 2 बकरियों के मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं बाड़े में 6 बकरियां मौजूद थी जिसमें से 4 को परिजनों द्वारा सुरक्षित निकाला गया.
मलबे के अंदर दभी हुई 2 बकरियों को फायर की टीम द्वारा निकाला गया, पशुपालन विभाग के पशुधन प्रसार अधिकारियों रवि पटवाल तथा प्रताप टाकुली द्वारा डॉ. गौरव कोहली के निर्देशानुसार घटना स्थल पर जा कर घायल बकरियों का प्राथमिक उपचार किया गया.
कहां-कहां की गई मदद
वहीं इससे पहले 30 अगस्त को रात को भारी वर्षा के कारण भूस्खलन घटना घटित हुई, जिसके कारण जनपद रुद्रप्रयाग के ग्राम चिलौंड में सरला देवी की गौशाला ढह गई. गांव तक पहुंचने के सभी मार्ग एवं सड़कें क्षतिग्रस्त हो गये.
सूचना प्राप्त होते ही अत्यंत दुर्गम परिस्थितियों में डॉ. प्रमोद भूटानी पशुचिकित्साधिकारी,ऊखीमठ, डॉ बब्लू कुमार. पशु चिकित्साधिकारी, गुप्तकाशी, पशुधन प्रसार अधिकारी विक्रम असवाल, पशुधन प्रसार अधिकारी योगेन्द्र कोटवाल और पशुपालन विभाग की टीम द्वारा पहाड़ी मार्ग में पैदल ट्रैकिंग कर चिलौंड में पहुंच कर ग्राम वासियों एवं DDRF के सहयोग से मृत पशुओं को मलबे से बाहर निकाला गया.
इसी दिन चमोली के ग्राम गिर्सा, जिलासू में भूस्खलन की सूचना प्राप्त होते ही डॉ. असीम देब (मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, चमोली) अपनी टीम जिसमें पशु चिकित्सा अधिकारी एवं पशुधन प्रसार अधिकारी सम्मिलित थे, के साथ त्वरित रूप से घटनास्थल पर पहुंचे.
यहां भूस्खलन की घटना में कुल तीन गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं. घटनास्थल पर दो मवेशी एवं एक श्वान घायल अवस्था में पाए गए, जिन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया.
यहां पशु अधिकारी द्वारा सभी को 24×7 सतर्क रहने व किसी भी ऐसी स्थिति के लिए तत्पर रहने के निर्देश दिए गए. बता दें कि सभी जिले में पशुपालन विभाग को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है.
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