नई दिल्ली.पशुपालन को लेकर दी जा रही सरकारी मदद को और बेहतर ढंग से दिए जाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. सरकार की तरफ से मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) की सेवा भी पशुपालकों के लिए शुरू की गई है. जिसके तहत पशुओं का इलाज पशुपालकों के घर पर ही किया जाता है. इससे दूर—दराज में मौजूद पशुपालकों को पशुओं को इलाज के लिए पशु चिकित्सालय नहीं आना पड़ता है. अब इसको लेकर एक और अपडेट है. उत्तराखंड सरकार इसके रिस्पन्स टाइम को कम करने का प्रयास कर रही है. ताकि समय अंदर ही पशुओं का बेहतर इलाज किया जा सके.
इसको लेकर 23 मई 2025 को डॉ. नीरज सिंघल, निदेशक, पशुपालन विभाग, उत्तराखंड की अध्यक्षता में मोबाइल वेटरनरी यूनिट 1962 की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में पशुपालन निदेशालय से संयुक्त निदेशक/उपनिदेशक, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी/ पशु चिकित्सा अधिकारी एवं MVU सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
दूर के पशुपालकों को पहुंचाया जाए फायदा
बैठक में निदेशक पशुपालन डॉ. नीरज सिंघल द्वारा निर्देशित किया गया कि पशुपालक द्वारा कॉल किए जाने और पशुपालक के द्वार पर सेवा देने के बीच के अंतराल (रिस्पांस टाइम) को और कम किया जाए. मोबाइल वेटरनरी यूनिट (एमवीयू) का अधिक से अधिक सदुपयोग सुनिश्चित करते हुए दूरस्थ क्षेत्रों में इस सुविधा से पशुपालकों को लाभान्वित किया जाए. सभी निदेशालय स्तर के अधिकारी प्रत्येक सप्ताह उनको आवंटित जनपदों में मोबाइल वेटरनरी यूनिट की समीक्षा निगरानी सुनिश्चित करें. साथ ही मोबाइल वेटरनरी यूनिट से दी जा रही चिकित्सा में गुणवत्ता एवं दवाओं का विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए गए. बैठक में डॉ. सतीश जोशी, संयुक्त निदेशक डॉ सुनील कुमार बिंजोला, संयुक्त निदेशक, डॉ अशोक कुमार, डॉ. हरेंद्र शर्मा, डॉ. उर्वशी, डॉ. दिनेश सेमवाल आदि मौजूद रहे.
खच्चरों को किया गया इलाज
वहीं दूसरी ओर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पिथौरागढ़ के निर्देश पर राजकीय पशु चिकित्सालय बलुवाकोट के क्षेत्रांतर्गत पय्या पौड़ी गांव में पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन ब्रुक्स इंडिया के साथ मिलकर किया गया. जिसमें 40 से अधिक खच्चरों का इलाज किया गया. पशुओं को दवा वितरित की गई एवं LSD FMD व अन्य बीमारियों तथा उनसे बचने के लिए किए जा रहे टीकाकरण अभियानों के बारे में पाशपालको को जानकारी दी गई. शिविर में आए पशुपालकों को विभागीय योजनाओं जैसे SLM, KCC, पशुधन बीमा एवं अन्य विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी और इक्विवन इंफ्लूएंजा के बार बताया गया. शिविर में पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. अजय प्रसाद एवं डॉ दिनेश कुमार आदि मौजूद रहे.
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