नई दिल्ली. पशु गाभिन है, यानी गर्भवती है तो उसकी देखभाल अलग तरह से की जाती है. जबकि जो पशु गर्भवती नहीं है, उनकी देखभाल का तरीका अलग होता है. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि गर्भवती पशुओं को विशेष देखभाल और आहार की जरूरत होती है. गाभिन पशुओं को संतुलित आहार स्वच्छ वातावरण और नियमित पशु चिकित्सा की जरूरत होती है. तभी उनका बच्चा स्वस्थ और हेल्दी पैदा होता है और बाद में इससे पशुपालकों को बेहतर उत्पादन मिलता है. इतना ही नहीं ग्रामीण पशुओं को स्वच्छ और आरामदायक वातावरण देना चाहिए. पशु को धूल गंदगी और शोर शराबे से भी बचना चाहिए.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है कि कैसे ग्रामीण पशुओं की देखभाल की जाए. पशुपालन निदेशालय ने गाभिन पशुओं के हर दिन आहार की जरूरत बताई है. साथ-साथ पशुओं को कितना पानी देना चाहिए, इसके बारे में भी जानकारी दी है. आइए इस बारे में डिटेल से जानते हैं.
हरा और सूखा चार कितना दें
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपका पशु गाभिन है तो उसे 25 से 30 किलो की मात्रा में हरा चारा देना चाहिए. हरे चारे से उसे तमाम पौष्टिक गुण मिलते हैं. हरे चारे के तौर पर लोबिया, मक्का, ज्वार, बाजरा जैसे चारे दिए जा सकते हैं, जो पशुओं के लिए फायदेमंद होते हैं. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि लोबिया, मक्का और ज्वार जल्दी बढ़ते हैं. जिससे हरे चारे की कमी भी नहीं होती है. यानि आपको हर समय हरा चारा उपलब्ध होगा. वहीं हरे चारे के अलावा पशु को हर दिन 4 से 5 किलो सूखा चारा भी देना चाहिए. सूखे चारे के तौर पर दलहनी और गैर दलहनी दोनों प्रकार के चारा मिश्रण को देना चाहिए. इसमें सूडान घास, बाजरा, ज्वार, मक्चरी और बरसीम आदि को शामिल कर सकते हैं.
नमक और मिनरल मिक्सचर भी दें
इसके अलावा गाभिन पशु को खली भी खिलानी चाहिए. उसे हर दिन 1 किलो खली की आवश्यकता होती है. वही खनिज मिश्रण 50 ग्राम की मात्रा जरूर देना चाहिए. जबकि जबकि हर दिन की जरूरत के मुताबिक पशुओं को 30 ग्राम नमक भी दिया जाना चाहिए. संतुलित आहार की बात की जाए तो पशु को 2 से 3 किलो दे सकते हैं. वहीं पीने के लिए शुद्ध और साफ पानी देना चाहिए. हर दिन पानी की जरूरत की बात की जाए तो पशु को 75 से 80 लीटर प्रतिदिन स्वच्छ ताजा पानी देना जरूरी होता है.
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