नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं के आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. पशुओं का आहार संतुलित और उनकी जरूरतों के मुताबिक होना चाहिए. तभी आप पशुओं से बेहतर उत्पादन ले सकते हैं. वहीं इससे पशुओं की सेहत भी अच्छी रहती है, अगर आप पशुओं की सेहत अच्छी चाहते हैं और उत्पादन ज्यादा लेना चाहते हैं तो आहार का खास ख्याल रखना होगा. एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं के आहार में खनिज लवणों को जरूर मिलाना चाहिए. वहीं दाना मिश्रण भी देना चाहिए. इसके अलावा उनके स्वाद का भी ख्याल रखें.
इस आर्टिकल में हम आपको भैंस के आहार की खास बातों के बारे में बताएंगे. यहां ये जानकारी देंगे कि भैंस पाल रहे हैं तो उन्हें क्या—क्या खिलाना चाहिए.
अहार से जुड़ी अहम बातें यहां पढ़ें
- आहार संतुलित होना चाहिए. इसके लिए दाना मिश्रण में प्रोटीन तथा ऊर्जा के स्रोतों और खनिज लवणों का इस्तेमाल करें. यह सस्ता होना चाहिए.
- आहार स्वादिष्ट व पौष्टिक होना चाहिए. इसमें बदबू नहीं होना चाहिए.
- दाना मिश्रण में अधिक से अधिक प्रकार के दाने और खली को मिलाना चाहिए. इससे दाना मिश्रण की गुणवत्ता तथा स्वाद दोनों में बढ़ोतरी होती है.
- आहार सुपापाच्य होना चाहिए. कब्ज करने वाले या दस्त करने वाले चारे को नहीं खिलाना चाहिए.
- भैंस को भरपेट चारा खिलाना चाहिए. भैसों का पेट काफी बड़ा होता है. पेट पूरा पूरा भरने पर ही उन्हें संतुष्टि मिलती है. पेट खाली रहने पर वह मिट्टी, चिथड़े व अन्य न खाने वाली चीजें खा लेता है.
- उम्र व दूध उत्पादन के हिसाब से प्रत्येक भैंस को अलग-अलग खिलाना चाहिए ताकि जरूरत के अनुसानु उन्हें अपनी पूरी पूरी खुराक मिल सके.
- भैंस के आहार में हरे चारे की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए.
- भैंस के आहार को अचानक नहीं बदलना चाहिए. यदि कोई बदलाव करना पड़े तो पहले वो आहार के साथ मिलाकर धीरे-धीरे आहार में बदलाव करें.
- भैंस को खिलाने का समय निश्चित रखें. इसमें बार-बार बदलाव न करें. आहार खिलाने का समय ऐसा रखें जिससे भैंस अधिक समय तक भूखी न रहे.
- दाना मिश्रण ठीक प्रकार से पिसा होना चाहिए. यदि साबुत दाने या उसके कण गोबर में दिखाई दें तो यह इस बात की ओर इशारा करता है कि दाना मिश्रण सही से पिसा नहीं है.
- दाना मिश्रण को चारे के साथ अच्छी तरह मिलाकर खिलाने से कम गुणवत्ता व कम स्वाद वाले चारे की भी खपत बढ़ जाती है. इसके कारण चारे की बर्बादी में भी कमी आती है.
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