नई दिल्ली. बद्री गायों के अपग्रेड करने के लिए फील्ड परफोरमेन्स रिकॉडिंग के माध्यम से मिल्क रिकॉडिंग के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किया है. बद्री गायों से बेहतर प्रोडक्शन के लिए फील्ड परफोरमेन्स रिर्काडिंग के माध्यम से मिल्क रिर्काडिंग का कार्य राज्य के पर्वतीय जिलों में किया जायेगा. इस संबंध में सभी जिलों के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी अपने-अपने जिलों में उन गांवों के समूहों का चयन करेगें जहां पर बद्री गायों की संख्या अधिक से अधिक हो. मिल्क रिर्काडिंग का कार्य ऐसी बद्री गायों में किया जायेगा, जिनका पूर्व ब्यात में दूध उत्पादन 3.5 लीटर प्रतिदिन से अधिक रहा हो.
मिल्क रिर्काडर के लिए स्थानीय शिक्षित बेरोजगार व्यक्तियों का चयन किया जाय जो कि उसी गांव या न्याय पंचायत का स्थानीय निवासी हो. गांवों की भौगोलिक स्थिति के अनुसार मिल्क रिकार्डर्स की संख्या का निर्धारण किया जाएगा. मिल्क रिर्काडरों के चयन के बाद उन्हें एक दिवसीय मिल्क रिकॉडिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहीं प्रशिक्षण उप्रान्त समस्त मिल्क रिकार्डर को मिल्क रिकार्डिंग रजिस्ट्रर 12 डिजिट के यूनिक आईडेटिफिकेशन टैग, टैग मशीन, दुग्ध मापन जार तथा दुग्ध परीक्षण हेतु टेस्ट ट्यूब आदि उप्लब्ध करायी जाएगा.
इस तरह के पशुओं की होगी मिल्क रिकॉर्डिंग
चयनित ग्रामों में बद्री गायों की पहचान 12 डिजिट के यूनिक आईडेटिफिकेशन टैग द्वारा की जायेगी. पशुपालक एवं पशुओं के पंजीकरण को सापटवेयर पर अपलोड किया जायेगा. योजना के तहत चयनित मिल्क रिर्काडर द्वारा ही मिल्क रिर्काडिंग का कार्य किया जाएगा. एक मिल्क रिकार्डर द्वारा एक दिन में 5 से अधिक बद्री गायों की मिल्क रिर्कोडिंग नहीं की जाएगी. मिल्क रिर्काडिंग के लिए चयनित बद्री गाय के ब्याने के 5वें दिन से 25वें दिन के अन्दर प्रथम मिल्क रिर्कोडिंग का कार्य शुरू किया जाएगा. उससे अधिक अवधि के ब्याये हुए पशुओं में मिल्क रिकार्डिंग का कार्य नहीं किया जाएगा.
इस तरह की जाएगी रिकॉर्डिंग
गाय की मिल्क रिर्कोडिंग प्रत्येक माह में एक निश्चित तिथि को सुबह और शाम को होगी. यह प्रत्येक माह की निश्चित तिथि को दुहान के स्थान पर होगी. हर महीने एक-एक मिल्क रिर्कोडिंग सुबह और शाम को की जायेगी. दुग्ध रिकार्डिंग, नियत रिर्काडिंग की तिथि से 5 दिन पूर्व या 5 दिन बाद भी हो सकती है. प्रत्येक गाय की कम से कम 16 रिर्काडिंग सुबह और शाम को की जाएगी. इसके अलावा अधिकतम 20 रिकार्डिंग सुबह और शाम के हिसाब से की जाएगी. परियोजना के तहत 20 रिकार्डिंग अथवा पशु के दूध सूखने तक मिल्क रिर्कोडिंग की जानी है.
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