नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश डेयरी फार्म विकास और दूध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में संशोधन किया गया है. दरअसल, सरकार ने प्रदेश में दूध आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने एवं मौजूदा प्रोसेसिंग क्षमता में वृद्धि, तकनीकी उच्चीकरण तथा सूचना तकनीक का उपयुक्त प्रयोग व क्षमता विकास करते हुए डेयरी सेक्टर के समस्त स्टेक होल्डर्स के लिए अधिकाधिक लाभ सुनिश्चित करने के लिये उत्तर प्रदेश डेयरी फार्म विकास और दूध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022, से चल रही थी. वहीं प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीति के अन्तर्गत स्थापित होने वाली परियोजनाओं के लिए आरक्षित भूमि के श्रेणी परिवर्तन शुल्क में छूट, भू-उपयोग परिवर्तन और बाहरी विकास शुल्क में छूट देने के लिए भी दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में साल 2023 में भी बदलाव किया जा चुका है.
दूध प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा उत्तर प्रदेश डेयरी फार्म विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 (यथासंशोधित) के अनुदान/प्रोत्साहन सम्बन्धित प्राविधानों को उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 के अनुदान/प्रोत्साहन के बराबर किए जाने के लिए संशोधन किया जाना प्रस्तावित है.
किस मद में कितना खर्च करेगी सरकार
पूंजीगत अनुदान और ब्याज उपादान से सम्बन्धित अभी तक चले आ रहे प्रावधान के स्थान पर डेयरी इकाईयों की स्थापना के लिए लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 5 करोड़, नवीन पशु आहार एवं पशु पोषण उत्पाद निर्माणशाला इकाई स्थापित किये जाने के लिए लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 5.00 करोड़, डेयरी प्लान्ट में आधुनिकीकरण के लिए लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 2.50 करोड़, डेयरी प्लांट के बाहर फील्ड में ट्रेसेबिलिटी एवं क्वालिटी कन्ट्रोल उपकरण खरीदी गई गई मशीनरी तथा स्पेयर पार्ट्स की लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 1 करोड़ रुपए, रेफ्रीजरेटेड वैन/इन्सुलेटेड वैन/रोड मिल्क टैंकर, बल्क मिल्क कूलर, आइसक्रीम ट्राली / डीप फ्रीज़र इत्यादि कोल्ड चेन प्रणाली की स्थापना हेतु लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 1 करोड़ रुपए, पशु आहार एवं पशु पोषण उत्पाद निर्माणशाला इकाई के विस्तारीकरण के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.
रोजगार के खुलेंगे नए अवसर
वहीं सरकार लागत पर 35 प्रतिशत, अधिकतम 2.00 करोड़ और सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र के तहत आने वाले मूल्य संवर्धित दुग्ध उत्पाद का विनिर्माण करने वाली इकाईयो को प्लान्ट मशीनरी की स्थापना हेतु क्रय की गई मशीनरी की लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 50 लाख की सीमा तक पूंजीगत अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा. बिजली आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर 75 केवी तक की परियोजना की लागत का 50 फीसदी एवं महिलाओं को 90 फीसदी अनुदान प्रदान किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में डेयरी फार्म विकास एवं दुग्ध उत्पाद पोत्साहन नीति-2022 (यथासंशोधित) के द्वितीय संशोधन की तिथि से पूर्व आनलाइन पोर्टल पर प्राप्त हो चुके पूर्ण परियोजना प्रस्तावों के संबंध में अनुदान एवं रियायतों के लिए कार्यवाही नीति के पूर्व प्राविधानी एवं दिशा निर्देशों के अनुसार की जाएगी. इस नीति के संशोधन से उद्यमी डेयरी उद्योग के अंतर्गत निवेश के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से नये रोजगार का सृजन होगा, दुग्ध उत्पादकों को उनके दुग्ध कर बाजार आधारित लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सकेगा तथा उपभोक्ताओं को भी उच्च गुणवता का प्रोसेस्ड दूध और दूध उत्पाद उपलब्ध होंगे.
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