Home डेयरी Buffalo: हल्की क्वालिटी और कम देखरेख के बावजूद अच्छा प्रोडक्शन करती है भैंस, पढ़ें इसकी खासियत
डेयरी

Buffalo: हल्की क्वालिटी और कम देखरेख के बावजूद अच्छा प्रोडक्शन करती है भैंस, पढ़ें इसकी खासियत

mharani buffalo, livestockanimalnews, Buffalo Rearing, Milk Production, Murrah Breed
प्रतीकात्मक तस्वीर: Livestockanimalnews

नई दिल्ली. पशुपालन में भैंस पालन फायदे का सौदा है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि एक भैंस की उम्र लगभग 18-20 साल की होती है व अपनी पूरी जिंदगी में में 9-10 बार ब्याती है. इसकी खासियत ये है कि ये प्राकृतिक रूप से चरने वाले पशु होते हें. जबकि कम गुणवत्ता वाले राशन को भी अच्छी तरह से पचा लेना इनकी दूसरी अहम खासियत है. क्योंकि भैंस के रुमेन द्रव्य में अधिक संख्या में जीवाणु होते हैं, जो नॉन- नाइजिनस पदार्थ को भी उच्च प्रोटीन में बदलने की क्षमता रखते हैं. भैंस के रुमेन में गाय के रुमेन के मुकाबले ज्यादा बदलने वाला फैटी एसिड का उत्पादन होता है. यही वजह है कि भैंस के दूध में गाय के दूध की अपेक्षा अधिक वसा होती है.

कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा हमीरपुर के एक्सपर्ट के मुताबिक भैंसों की उपयोगिता की बात की जाए तो एशियाई देशों में भैंस खेती मे बोझा ढोने का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है. यह कृषि के काम में आने वाले मशीन, छोटे स्त्रोतों द्वारा सिंचाई, फसलों को ढोना, खासकर गन्ने की फसल व अनाज तोड़ने में अधिक इस्तेमाल लाई जाती है. दरअसल, दक्षिण एशियाई देशों में ज्यादातर किसान सीमांत है, या छोटी जोत वाले हैं. इस लिए वे बड़ी मशीनरी का प्रयोग करने में असमर्थ होते हैं. एक तरह से ये उनके जीवन-यापन का सहारा होते हैं. भैंस वंशीय पशु को कम देखभाल की जरूरत पड़ती है.

भैंस का दूध इस वजह से हाता है ज्यादा सफेद
इनके खुर बड़े होने की वजह से ये आसानी से और अधिक समय तक गीलापन सहन कर सकते हैं. भैंस एक भारी शरीर वाला पशु है. इसका प्रयोग खासकर एशियाई देशो मे मांस उत्पादन के लिए किया जाता है. भारत में यह मांस उत्पादन व निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण पशु है. संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था “खाद्य और कृषि संगठन” (FAO) के अनुसार वर्ष 2004 में भैंसों से दूध उत्पादन 75.8 करोड़ टन था. भैंस के दूध में कुल ठोस वसा व प्रोटीन अधिक और विटामिन गाय के दूध में अधिक होते हैं. भैंस के दूध में कैरोटीन का आभाव होता है, यही कारण है, की भैंस का दूध गाय दूध की अपेक्षा अधिक सफेद होता है.

पशुओं में दुधारू गुण होना जरूरी
डेयरी उ‌द्योग के लिए अच्छे दुधारू गुण वाले पशुओं का होना आवश्यक होता है. तभी यह उ‌द्योग लाभदायक होगा. इसके लिए सबसे पहले अच्छी भैंसों का चुनाव करना जरुरी होना चाहिए. कई बार हम बाहरी शरीर देख कर खरीद लाते है. लेकिन अधिक दूध उत्पादन में खरे नहीं उतर पाते हैं. कभी कभी देखने को मिलता है कि कमजोर पशु भी अच्छे संतुलित पोषक युक्त आहार व सही प्रबंधन से अच्छे दुग्ध उत्पादन पर खरे उतरते हैं. इसलिए पशु खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

dairy sector
डेयरी

Milk: देश की डिमांड पूरी करने के बाद बचेगा 10 करोड़ टन दूध, ये होगा बड़ा फायदा

बच्चों से लेकर बुर्जुगों तक में पोषण को बढ़ावा देने के साथ...

dairy sector
डेयरी

World of Ice Cream Expo: आइसक्रीम का बिजनेस शुरू करने के लिए नोएडा में मिलेगी पूरी जानकारी

​जब ग्रामीणों को क्वालिटी आइसक्रीम सस्ते में मिलेगी तो फिर वो ब्रांड...

animal husbandry
डेयरी

Milk Production: दुधारू पशुओं को ऐसा क्या खिलाएं कि बढ़ जाए दूध उत्पादन, पढ़ें यहां

उसके भरण-पोषण की सभी जरूरतें चारे से ही पूरी हो जाएं. हर...