नई दिल्ली. इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है लेकिन जल्द ही मौसम में बदलाव भी हो सकता है. कई राज्यों में मॉनसून ने दस्त दे दी है जबकि इस महीने के आखिरी तक कई जगहों पर मॉनसून की आमद हो जाएगी. ऐसे में पशुपालन में गर्मी की चुनौतियां तो खत्म हो जाएंगी लेकिन बारिश के कारण होने वाली परेशानी मुंह खोलकर खड़ी होंगी. एक्सपर्ट कहते हैं कि इस समय पशुपालन करने वाले लोगों के सामने भी बड़ी चुनौती आती है. दरसअल, इस दौरान पशुओं को कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है. वहीं उनके आहार में बदलाव करना भी जरूरी होता है ताकि दूध उत्पादन अच्छा होता रहे.
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप एक पशुपालक हैं और आपको बारिश के दिनों में पशुपालन में आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी नहीं है तो फिर ये खबर आपके काम की है. इस खबर को पढ़कर आपको ये मालूम हो जाएगा कि अगर पशु के आहार में बदलाव करना है तो क्या करना चाहिए और पशुओं को खासकर बारिश के दिनों में क्या खिलाना चाहिए ताकि दूध उत्पादन पर कोई असन न हो.
किस तरह का पशु आहार दें
एक्सपर्ट कहते हैं कि बारिश के दिनों में पशुओं को हरा चारा कम दिया जाना चाहिए. लेकिन एकदम कम नहीं करना चाहिए. पशुपालकों को चाहिए कि वो पशु को 50 से 60 प्रतिशत तक सूखा चारा और 40 से 50 प्रतिशत तक ही हरा चारा खिलाएं. वहीं कोशिश करना चाहिए कि पशु को ऐसा आहार दें तो पशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार हो. इसमें आप पशु को मिनरल मिक्सचर भी दे सकते हैं. इसके अलावा पशु को डी वार्मिंग की दवा और मीठा सोडा देना बेहतर विकल्प है. कभी भी ऐसा चारा न दें जिसमें पानी ज्यादा हो. अगर पशु गीला चारा खाएगा तो उसे गोबर करने में दिक्कत हो सकती है.
पशुओं को ये चारा खिलाएं
पशुओं को मानसून के दौरान मिनरल मिक्सचर, सूखा चारा, नमक, सरसो का तेल आदि जरूर देना चाहिए. इसका फायदा मिलेगा. इन सबके अलावा विटामिन और प्रोटीन से जुड़े पदार्थ पशु को जरूर खिलाना चाहिए. वहीं पशु अगर खाने पीने में रुचि न दिखा रहा हो तो ऐसे में पशुपालक को बिना वक्त गवाए ही पशु की जांच पशु चिकित्सक से करा लेनी चाहिए. वहीं पशुपालकों को चाहिए कि बारिश के दाने को खराब होने से बचाएं.
पशु आहार को रखने में आती है परेशानी
ये भी चुनौती तो ये है कि पशुपालकों को बारिश के मौसम में पशुओं के रखराव में दिक्कत आती है. एक्सपर्ट के मुताबिक मानसून में जगह की कमी के चलते पशुआहार को इकट्ठा नहीं कर पाते हैं. वहीं पशुशाल में बने खोर के अंदर बारिश पानी जाने की समस्या आम है.
जबकि दीवारों में आई सीलन की वजह से पशुआहार सील जाता है और खराब हो जाता है.
इतना ही नहीं पशुआहार में बारिश के दौरान कीड़े लगने की समस्या भी रहती है.
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