नई दिल्ली. ठंड के दौरान मुर्गियों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. क्योंकि मुर्गियों को जब ठंड लगती है तो उन्हें सर्दी जुकाम होने का खतरा रहता है और इससे वो बीमार हो जाती हैं. मुर्गियों को कई अन्य बीमारी होने का भी खतरा रहता है. जिससे उनकी मौत भी हो सकती है. अगर मुर्गियां न भी मरें तो भी उत्पादन पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है. इस वजह से एक्सपर्ट कहते हैं कि ठंड के दौरान मुर्गियों की देखरेख में पोल्ट्री फार्मर को और ज्यादा मुस्तैदी बरतनी चाहिए. क्योंकि ऐसा नहीं किया गया तो पोल्ट्री फार्मिंग में नुकसान हो सकता है.
जाड़े के मौसम में मुर्गी पालन करते समय मुर्गी फॉर्म को गर्म रखने के लिए हमेशा ही पहले से व्यवस्था करनी चाहिए. क्योंकि जब तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेड से कम हो जाता है, तब मुर्गी आवास में उसकी बूंद भी टपकने लगती है. इससे मुर्गियों को बेहद दिक्कत होती है. ऐसी कंडीशन से बचने के लिए मुर्गी पलकों को अच्छी बिल्डिंग की जरूरत होती है. साथ ही मुर्गी आवास के ऊपर प्लास्टिक वॉल, पट्टी आदि बिछा देना बेहतर होता है.
ठंडी हवा जाने से ऐसो रोकें
मुर्गियों को ठंड से बचाने के लिए साइड के पर्दे मोटे और प्लास्टिक के लगाने चाहिए. ताकि वहां ठंडी हवा के प्रभाव को रोका जा सके. रात में जाली का लगभग 2 फीट नीचे का हिस्सा पर्दों से ढक देना चाहिए. इसमें खाली बोरी और प्लास्टिक आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे अंदर का तापमान बाहर की अपेक्षा ज्यादा गर्म रहेगा. वही इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की संख्या कम न हो इससे मुर्गियों को फायदा होता है. ठंड के मौसम में मुर्गी पालन करते समय एक अंगीठी या स्टोव मुर्गी घर में जला देने से मुर्गियों को गर्मी मिलती रहती है लेकिन इसमें ध्यान देने की बात यह है कि अंगीठी के अंदर रखने से पहले उसका धुआं बाहर निकाल देना चाहिए.
इस तरह का होनी चाहिए फर्श
पोल्ट्री फार्म में गर्मी देने से मुर्गियों को न सिर्फ आराम मिलता रहता मिलता है, बल्कि मुर्गी घर का माहौल भी गर्म बना रहता है. खासकर ठंड के मौसम में सुबह में मुर्गी घर के अंदर कम से कम 2 घंटे तक धूप का प्रवेश होना ही चाहिए. इसलिए पोल्ट्री फार्म को बनाते समय इस बात का ख्याल रखें कि उसकी लंबाई पूर्व और पश्चिम की दिशा होनी चाहिए. ठंड में काम से कम 3 से 5 इंच मोटा फर्श मुर्गी फार्म में अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए. अच्छी क्वालिटी का होने का मतलब यह है कि यह मुर्गियों को ठंड से बचाता है और तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है.
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