नई दिल्ली. मैनेज संस्थान, हैदराबाद, लुवास यूनिवर्सिटी, हिसार, हरियाणा समेत तमाम लोगों की रिसर्च और सर्वे से ये साबित हो चुका है कि खेती के साथ पशुपालन करने वाले किसान सुसाइड नहीं करते हैं. इसे इस तरह भी कहा जा सकता है कि खेती के साथ पशुपालन करने से डबल इनकम होती है. यही वजह है कि खेती-किसानी और पशुपालन से जुड़े एक्सपर्ट खुले मंच से ये बात बोल रहे हैं कि खेती के साथ-साथ पशुपालन करना भी जरूरी है. फिर चाहें वो दो गाय-भैंस के रूप में ही क्यों ना हो.
किसान खेती के साथ पशुपालन, मुर्गीपालन या मछली पालन करे इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकारें कई तरह की योजनाएं भी चला रही हैं. लोन और सब्सिडी के रूप में वित्तीय मदद भी दे रही हैं. सरकार की ओर से किसानों और पशुपालकों को ये भी समझाया जा रहा है कि अब तो कई तरह की तकनीक के चलते पशुपालन बहुत आसान हो गया है. पशु की जल्दी मौत भी नहीं होती है.
एक्सपर्ट ने बताए पशुपालन के फायदे
1 फसल उत्पादन क्षेत्र की तुलना में उत्पादन और आय बढ़ाने के लिए पशुपालन के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी ज्यादा है.
2 गाय-भैंस या भेड़-बकरी समेत कोई भी पालतू पशु हो किसान के लिए उसे बाजार में बेचकर नकद पैसा कमाना आसान होता है.
3 पशुओं की हर छोटी-बड़ी और खतरनाक बीमारियों से निपटने के लिए अब देशभर में पशु चिकित्सा, पशु चिकित्सा महाविद्यालयों, यूनिवर्सिटी और संस्थानों का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है.
4 पशुपालन के माध्यम से ग्रामीण जीवन को सुरक्षित करने के लिए केंद्र-राज्य सरकारों की योजनाएं हैं.
5 पशुपालन में स्वंय सहायता समूह का बड़ा नेटवर्क काम करता है जिसमे ज्यादातर महिलाएं हैं.
6 पशुपालन सेक्टर में अपनाई जाने वाली गहन विधियां हैं.
7 पशुपालन में तेजी से टेक्नोलॉजी का प्रसार और इस्तेमाल हो रहा है.
8 जैविक और देसी पशुधन उत्पादों के प्रति स्वास्थ्य चेतना के बढ़ते रुझान और ऐसे उत्पादों की बढ़ती डिमांड के चलते किसानों को इनकम बढ़ाने का मौका मिल रहा है.
9 कृत्रिम गर्भाधान (आर्टिफिशल इंसेमीनेशन) से दुधारू नस्ल के पशु पैदा हो रहे हैं.
10 बच्चा ना देने वाली गाय-भैंस से भी आईवीएफ तकनीक से बच्चा लिया जा रहा है.
11 साइलेज और हे तकनीक की मदद से हरे चारे की परेशानी खत्म हो गई.
12 हर छोटी-बड़ी बीमारी को वैक्सीनेशन (टीकाकरण) से कंट्रोल किया जा रहा है.
13 पोल्ट्री और डेयरी तेजी से बढ़ रहे सेक्टर हैं.
14 कोरोना के चलते लोगों में हैल्थ को लेकर जागरुकता आई है, खाने-पीने पर ध्यान दे रहे हैं.
15 देशभर में नेशनल लेवल के सेंटर हैं जो पशुपालन की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
16 बकरी पालन मीट और दूध दोनों के लिए किया जा सकता है.
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