नई दिल्ली. मछली पालन क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल इससे सेक्टर को क्या-क्या फायदा मिल सकता है, इस चीज को मछली किसानों ने अपनी आंखों से देखा. मत्स्यपालन के क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग और प्रत्यक्षण‘‘विषय पर, पटना में आयोजित हुए कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह और सैकड़ों मछली किसानों की मौजूदगी में ड्रोन का लाइव प्रदर्शन किया गया. इस दौरान एक्सपर्ट ने बताया कि ड्रोन समय और श्रम की लागत को कम करने में मदद करते हैं, साथ ही मछली के बीज छोड़ना, आहार वितरित करना, और आपातकाल में जीवन रक्षक सामग्रियां पहुंचाने में भी कारगर हैं.
इसके अलावा मछली किसान ड्रोन का इस्तेमाल मछली का परिवहन, जलक्षेत्रों का सर्वेक्षण, और डेटा एकत्र करने में भी कर सकते हैं. बताया गया कि विभिन्न क्षेत्रों में अपने इसके फायदे देखे गए हैं. यही वजह है कि इस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके अब मछली पालन और जलीय कृषि क्षेत्र में भी फायदा ढूंढा जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि फिश फार्मिंग में ड्रोन तकनीक में मछलियों की निगरानी, फार्म प्रबंधन और बीमारी का पता लगाने जैसे कार्यों को बढ़ाने की क्षमता के साथ, ड्रोन उद्योग में क्रांति लाने के लिए तैयार है. इस दौरान स्टॉक मूल्यांकन, पर्यावरण निगरानी, सटीक मछली पकड़ने और मछली परिवहन में ड्रोन के प्रयोग का प्रदर्शन किया गया.
नितीश कुमार ने की सराहना
इससे पहले मुख्यमंत्री नितीश कुमार और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत फायदा पाने वाले मछली पालकों को चेक, कुल 0.50 लाख मत्स्य बीज और 7 टन मत्स्य आहार का वितरण भी किया. सीएम नितिश कुमार ने बिहार राज्य में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की सरहना की. उन्होंने कहा कि बिहार के कृषि रोडमैप में मछली पालन और जलीय कृषि भी शामिल है. कार्यक्रम में विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री, बिहार, मंत्री रेणु देवी के अलावा एक हजार किसानों ने शिरकत की.
एक्सपोर्ट को दोगुना करने की हो रही है कोशिश
इस दौरान केन्द्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मत्स्यपालन एवं मात्स्यिकी के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक तथा विभाग द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि “ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के Vision और Initiatives से Fisheries sector में व्यापक बदलाव आया है. भारत आज विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है और ग्लोबल फिश प्रोडक्शन में भारत का योगदान 8 प्रतिशत है”. उन्होंने बताया कि जल कृषि उत्पादन में भी भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है. यह शीर्ष झींगा उत्पादक और निर्यातक देशों में से एक है और तीसरा सबसे बड़ा कैप्चर फिशरीज उत्पादक है. उन्होंने जानकारी दी कि मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात दोगुना करने पर सरकार काम कर रही है.
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