नई दिल्ली. पशुपालन करने वाले पशुपालकों को ये जान लेना चाहिए कि पशुओं को मिनरल सॉल्ट की बहुत जरूरत होती है. फीड के अंदर मिलाकर मिनरल सॉल्ल्ट जैसे कैल्शियम, फासफोरस, पोटाशिम, सोडीयम, क्लोरिन, मैग्नीशियम पशुओं को हर कंडीशन में देना ही चाहिए. जबकि कम मात्रा में जरूरी मिनरल सॉल्ट क्रोमियम, मैग्नीज लोहा, तांबा, आयोडिन, जिंक कोबाल्ट, गन्धक, मोलिविडनम भी दिया जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि पशु जो चारा खाते हैं, उसमें मिनरल सॉल्ट की कमी होती है. इस वजह से पशुओं को कई तरह की बीमारियों का खतरा रहता है. जिससे बचाने के लिए मिनरल सॉल्ट देना जरूरी होता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि खेतों की जमीन में जब चारा उगाया जाता है तो मिनरल की कमी होने के कारण वहां उगने वाले चारे में मिनरल सॉल्ट की कमी होती है. इसके चलते ऐसे चारे से पशुओं में मिनरल सॉल्ट नहीं होता है. ऐसी कंडीशन में पशु बीमार पड़ने लग जाते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको मिनरल सॉल्ट से होने वाली बीमारियों के बाारे में बताने जा रहे हैं.
मिट्टी और कपड़ा खाने लगते हैं पशु
पशुओं में खनिज लवणों की कमी से होने वाली प्रमुख बीमारियों की बात की जाए तो रिकेटस, ऑस्टोमलेशिया, पाइका है. एक्सपर्ट का कहना है कि ये बीमारी पशुओं में फास्फोरस की कमी के कारण होती है. इस बीमारी में पशु न खाने योग्य वस्तुएं जैसे मिट्टी, कपड़ा, लकड़ी इत्यादि खाने लगता है. वहीं बीमारी के कारण प्रजनन क्षमता में कमी, बांझपन और समय पर गाभिन न होना, दूध उत्पादन में कमी भी हो जाती है.
बीमारियों से बचने के उपाय
मिनरल सॉल्ट की कमी से होन वाली बीमारियों से बचाने के लिये पशु आहार में उन खाद्य पदार्थों का समावेश रखना चाहिए. जिनमें खनिज तत्व व्यापक मात्रा में हो. जैसे कैल्शियम की कमी के होने वाले रोगों से बचाव के लिए पशुओं को हरे चारे जैसे बरसीम, रिजका आदि खिलाना चाहिए. इसी तरह फास्फोरस की कमी से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए अनाज, खल, चोकर इत्यादि की पर्याप्त मात्रा पशु आहार में देनी चाहिए. चारे के साथ सही दाने का चयन करके खिलाने से पशुओं की उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
मिनरल सॉल्ट की संतुलित मात्रा दें
एक्सपर्ट का कहना है कि बछड़े और बछड़ियों को 10 से 15 ग्राम प्रतिदिन बड़े पशु की 30 ग्राम से 50 ग्राम प्रतिदिन मिनरल सॉल्ट देना चाहिए. गौरतलब है कि कई तरह के मिनरल सॉल्ट बाजार में उपलब्ध हैं. मिनरल सॉल्ट मिश्रण, खनिज लवण ब्लाक आदि. पशुपालकों को पशुओं के अच्छे शारीरिक विकास तथा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए खनिज लवणों का प्रयोग बेहद फायदेमंद है.
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