नई दिल्ली. सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. सरकार की ये कोशिश रंग भी लाती नजर आ रही है. देश में पशुपालन को बढ़ावा मिला है. इस बात का सुबूत खुद आंकड़े दे रहे हैं. वहीं मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि पशुधन क्षेत्र भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को लगातार मजबूत कर रहा है. अगर साल 2014 से अब तक के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इसमें हर साल वृद्धि हो रही है. 2014 से अबतक 12.99 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से इसमें ग्रोथ दर्ज की गई है.
मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि पशुधन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र है. साल वर्ष 2014-15 से वर्ष 2022-23 तक यह 12.99 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है. कुल कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र सकल मूल्य वर्धित (GVA) में पशुधन का योगदान वर्ष 2014-15 में 24.38 फीसदी से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 30.23 परसेंट (प्रचलित मूल्यों पर) हो गया है. पशुधन क्षेत्र ने वर्ष 2022-23 में कुल जीवीए में 5.50 प्रशित (वर्तमान मूल्यों पर) का योगदान दिया है.
जानें प्रति व्यक्ति कितना है दूध उपलब्धता
वहीं इससे भारत ने दूध उत्पादन के मामले में अपनी स्थिति और ज्यादा मजबूत की है. भारत पहले स्थान पर है और वैश्विक दूध उत्पादन में 24.76 परसेंट का योगदान देता है. पिछले 10 वर्षों में दूध उत्पादन 5.62 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है, जो वर्ष 2014-15 के दौरान 146.31 मिलियन टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 के दौरान 239.30 मिलियन टन हो गया है. वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 (अनुमानित) के दौरान विश्व दूध उत्पादन में 1.50 फीसदी की वृद्धि हुई है. वहीं साल वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 471 ग्राम प्रतिदिन है, जबकि वर्ष 2023 (अनुमानित) में विश्व औसत 329 ग्राम प्रतिदिन है.
हर दिन 14.20 लाख लीटर दूध उत्पादन का टारगेट
सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक और स्वदेशी आईवीएफ प्रक्रिया, मवेशियों और भैंसों के आनुवंशिक सुधार के लिए गौ और महिष जीनोमिक चिप जैसी योजना शुरू की है. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम का लक्ष्य दस हजार नई डेयरी सहकारी समितियां गठित करना है. ताकि प्रतिदिन 14.20 लाख लीटर दूध हासिल किया जा सके. सरकार की ओर से पशुधन बीमा पर केंद्रित, राष्ट्रीय पशुधन मिशन लाभार्थियों को अब केवल 15 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होगा. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2030 तक खुरपका-मुंहपका रोग और बैक्टीरिया से होने वाली संक्रामक बीमारी ब्रुसेलोसिस के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है, 99.71 करोड़ से अधिक टीकाकरण किए गए.
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