नई दिल्ली. ठंड का मौसम मछलियों के उत्पादन और विकास के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इस मौसम में मछलियों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है. क्योंकि तालाब में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. जिसकी वजह से मछलियों की मौत होने लगती है. एनिमल फिश एक्सपर्ट का कहते हैं कि ठंड में खासतौर पर नवंबर, दिसंबर और जनवरी के महीने में मछली पालकों को अपने तालाब का खास ख्याल रखना चाहिए. पानी का तापमान इतना होना चाहिए कि जिससे मछलियों को ऑक्सीजन लेने में और तालाब में रहने में दिक्कत न आए. अगर मछली पालक ऐसा करने में सफल हो जाते हैं तो फिश फार्मिंग में होने वाले नुकसान से खुद को बचा सकते हैं.
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि अगर मछली पालक खास तरह से देखभाल नहीं करते तो इससे मछलियों की ग्रोथ भी रुक जाती है और तब भी फिश फार्मिंग में नुकसान होता है. वहीं सर्दियों के मौसम में मछलियां के आहार पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है. सर्दियों के मौसम में मछलियां सुस्त रहती हैं और काम गतिविधि करती हैं. इस वजह से भोजन भी कम करती हैं और इसके चलते उन्हें बहुत कम मात्रा में भोजन दिया जाना चाहिए.
मूवमेंट हो जाती है कम
ठंड के मौसम में सुस्त होने से मछलियों के मूवमेंट में कमी होती है. इसके लिए तालाब में 15 दिन या 1 महीने में थोड़ा ताजा पानी डालना चाहिए. वहीं तालाब में जमा पानी का एक चौथाई या उससे कम बाहर निकाल देना बेहतर माना जाता है. तालाब में आक्सीजन बढ़ाने के लिए ऊंचाई से पानी डालते रहना चाहिए. ऑक्सीजन के लिए एरियेटर दिन में एक से दो घंटे तक चला देने से भी ऑक्सीजन की मात्रा तालाब में बनी रहती है. इससे मछलियों की वृद्धि होती रहती है और ऑक्सीजन की कमी नहीं होती. ऐसा करने से मछलियों की मौत होने से भी बचाया जा सकता है.
जमीन से निकला पानी डालें
फिश एक्सपर्ट के मुताबिक तालाब में चूना और नमक का इस्तेमाल ठंड के दिनों में खासतौर पर करना चाहिए. इससे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. वहीं पानी की सफाई और मछलियों की नियमित जांच भी बेहद ही जरूरी काम होता है. अगर हो सके तो मछलियों को सुबह शाम गर्म पानी से नहलाना चाहिए. अगर तालाब का पानी ठंडा हो जाए तो उसे नार्मल करने के लिए जमीन से निकला हुआ पानी तालाब में डाला जाता है.
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