नई दिल्ली. त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. इन दिनों नवरात्रि का त्योहार चल रहा है. जिसका असर मुर्गा बाजार पर दिखने लगा है. रिटेल मार्केट में मुर्गी का दाम धड़ाम हो गया है. तकरीबन 30 से 40 रुपये तक मुर्गे के रिटेल रेट में फर्क आया है. जिन जगहों पर 200 रुपये प्रति किलो मुर्गा बिक रहा था, वहां 160 रुपये तक बिक रहा है. इसके चलते चिकन के शौकीन लोगों की बल्ले-बल्ले हो गई है. अब उन्हें मुर्गा लेने पर कम पैसे चुकाने पड़ रहे हैं. बता दें कि अभी नवरात्रि चल रही है. आगे और भी त्योहार हैं, ऐसे में दिवाली तक मुर्गे के रेट में इसी तरह से कमी देखी जा सकती है.
पोल्ट्री कारोबार से जुड़े एक्सपर्ट कहते हैं कि आमतौर पर चिकन खाने वाली एक बड़ी आबादी नवरात्रि के सीजन की शुरुआत होते ही नॉनवेज से दूरी बना लेती है. दरअसल, चिकन नॉनवेज है और इस दौरान लोग व्रत रखते हैं, इसकी वजह से ऐसा करना पड़ता है. जिसके कारण चिकन की डिमांड कम हो जाती है और रेट में भी कमी देखी जाती है.
इन बड़े शहरों में भारी गिरावट
बाजार के दामों पर नजर की जाए तो दिल्ली और अलीगढ़ जैसे बड़े शहरों में मुर्गे के दाम में भारी गिरावट दर्ज की गई है. यहां रिटेल में मुर्गा कुछ दिनों पहले तक 200 रुपये किलो तक बिक रहा था. अब इसके दाम में 40 रुपये तक कमी दर्ज की गई है और अब 160 रुपये तक बिक रहा है. अगर इसका कंपेयर दाल से किया जाए तो अरहर की दाल 170 और 175 रुपये किलो बिक रही है. वहीं मुर्गे उससे कम में बिक रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि ये हाल अभी आगे भी रहेगा. क्योंकि त्योहार का सीजन है और दिवाली तक इसी तरह से दाम कम रहने की उम्मीद है. ऐसे में चिकन के शौकीन लोगों के लिए तो ये अच्छी खबर है.
नहीं मिल रहा है फायदा
पोल्ट्री कारोबार करने वाले के गुलजार कुरैशी का कहना है कि यूपी में चिकन की डिमांड कम हुई है. इसके चलते कई जगहों पर मुर्गे के रेट में कमी देखी गई है लेकिन कंपनी की ओर से दाम ज्यादा कम नहीं किये गए हैं, लेकिन फिर भी कम दाम पर चिकन बेचा जा रहा है. आने वाले समय में इसके दाम में और कमी हो सकती है. उन्होंने बताया कि त्योहारी सीजन का फायदा या तो कंपनियां उठा रही हैं या फिर दाम कम होने से आम जनता को फायदा हो रहा है. दुकानदार और फार्मर दोनों को इसका फायदा नहीं, नुकसान उठाना पड़ रहा है.
क्या बोले, पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष
यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली का कहना है कि त्योहारी सीजन का सबसे ज्यादा असर फार्मर पर पड़ रहा है. फार्मर से कंपनियां कम दाम पर मुर्गा उठा रही हैं. मार्केट में कम डिमांड का हवाला देकर 10 रुपये तक रेट गिरा दिया गया है. अगर एक फार्मर 100 मुर्गे बेचता है तो उसे सीधे तौर पर एक हजार रुपये का नुकसान हो रहा है. कुछ जगहों पर मुर्गे का होलसेल दाम 75 रुपये तक आ गया है जबकि एक मुर्गे को तैयार करने में 80 रुपये तक खर्च आ जाता है. जिसमें 40 से 45 रुपये तक का चूजा होता है और फिर बाकी का खर्च अलग से.
Leave a comment