नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में मुख्यालय के आसपास के कई गांवों के किसानों को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब उन्होंने अपनी मक्का की फसल देखा. जब फसल तैयार हुई तो किसान उसे देखकर दंग रह गए. बताया जा रहा है कि खेतों में भुट्टे तो लगे लेकिन उसमें दाना ही नहीं आया. हैरानी की बात ये भी है कि ये मामला किसी एक दो किसान का नहीं है. बल्कि 200 किसानों के खेतों का यही हाल है कि भुट्टा उगा है लेकिन उसमें दाना नहीं आया है. स्थानीय किसानों का कहना है कि 700 एकड़ से अधिक फसल में भुट्टे के दाने नहीं आने से तगड़ा नुकसान हुआ है.
किसानों ने बताया कि इसमें बहुत से लोगों ने कर्ज लेकर मक्का फसल इस उम्मीद से लगाई थी कि फसल आने के बाद कर्ज भी उतर जाएगा और मुनाफा भी हो लेकिन नतीजा सिफर रहा है. वहीं अब कर्ज का बोझ अलग से सिर पर लद गया है. किसानों का कहना है कि कर्ज कहां से अदा किया जाए, ये समस्या उनके सामने सबसे बड़ी है. बताया जा रहा है कि एक विशेष कंपनी का बीज खरीदकर 1500 एकड़ में मक्का की फसल बोई गई थी.
इन गांवों के किसानों को हुआ नुकसान
किसानों ने डीएम और कृषि विभाग के उपसंचालक को इस मामले से अवगत कराया है और अपनी शिकायत भी दर्ज कराई है. इसके बाद कृषि विभाग ने खेतो में खड़ी मक्का की फसल का सर्वे करके पंचनामा बनाया है. जिले के ग्राम नागझिरी, उमरखली, कुम्हारखेड़ा और कोठा खुर्द के किसानों की शिकायत थी कि एटवांटा कंपनी के मक्का बीज किस्म पीएसी 751 के पैकेट अलग-अलग दुकानों से खरीदा था. बीज बोने के बाद मक्का के भुट्टों में दाने नहीं उग पाए हैं. एक स्थान पर एक से ज्यादा भुट्टे निकले और फसल सूखने लगी. इससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है.
पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होता है मक्का
बताते चलें कि पोल्ट्री सेक्टर में फीड के तौर पर सबसे ज्यादा मक्का का इस्तेमाल होता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि इसमें इस बात का ध्यान देना होता है कि मक्का की क्वालिटी अच्छी हो. क्योंकि क्वालिटी खराब हुई तो अंडे की क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है. ऐसे में 200 किसानों के सामने ये भी समस्या है कि वो जिन भुट्टों में दाने हैं भी उन्हें कहां बेचें. उसकी क्वालिटी भी खराब है. इसलिए पोल्ट्री कारोबारी भी उन्हें नहीं खरीदेंगे. ऐसे में उनका हर तरह से नुकसान ही नुकसान है.
Leave a comment