Home डेयरी Milk Production: दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए खिलाएं पशुओं को ये चारा, सेहत रहेगी बेहतर, उम्र भी बढ़ेगी
डेयरी

Milk Production: दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए खिलाएं पशुओं को ये चारा, सेहत रहेगी बेहतर, उम्र भी बढ़ेगी

animal husbandry
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. दूध और मीट की बढ़ती मांग, पशुपालन व्यवसाय को और बेहद ही फायदेमंद व्यवसाय बनाती हैं लेकिन हंलांकि हरे चारे की उपलब्धता में लगातार कमी से इसे पशुपालकों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है. पेड़ों एवं चारागाहों का क्षेत्रफल घटता जा रहा है. इसके साथ ही फसल उत्पादों में भी कमी आ रही है जो पशु आहार के रूप में उपयोग किया जाता रहा है. इस कमी का कारण, ज्यादा उपज वाले तथा छोटी प्रजाति वाली फसल को बढ़ावा देना है. इसके चलते हरे चारे की इस उत्पादन लागत में इजाफा हो रहा है. पशुओं के लिए हरे चारे की कमी हो रही है लेकिन इसे अजोला से काफी हद तक पूरा किया जा सकता है. जिसमें पशुओं के लिए सदाबहार पौष्टिक आहार देने की क्षमता है. इससे प्रोडक्शन भी बेहतर होता है.

अजोला जल की सतह पर तैरने वाला एक फर्न है. अजोला की सतह पर नीलहरित शैवाल सहजैविक (Symbiotic) के रूप में बरकरार होता है. इस नीलहरित शैवाल को “एनाबिना अजोली” के नाम से जाना जाता है. अजोला शैवाल की ग्रोथ के लिए जरूरी कार्बन सोर्स और उपयुक्त वातावरण देता है. अजोला में नीलहरित शैवाल सेक्सुअल प्रजनन करता है. इस तरह यह यूनीक म्यूचुअल सिमबायोटिक रिश्ता अजोला को एक अद्भूत पौधे के रूप में विकसित करता है और उच्च मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध होता है.

अजोला का क्या है खासियत जानें यहां
नेचुरल रिसोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, वियका केन्द्र, केरल एवं तमिलनाडु की मानें तो अजोला में प्रोटीन, आवश्यक एमिनो अम्ल, विटामिन (विटामिन ए. विटामिन बी 12 एवं बीटा केरोटिन), खनिज जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटाश, लोहा, ताँबा, मैग्निशियम इत्यादि प्रचूर मात्रा में पाये जाते हैं. इसमें सूखे की मात्रा में आधार पर 25-30 प्रतिशत प्रोटीन, 10-15 प्रतिशत खनिज, 7-10 प्रतिशत एमिनो अम्ल, जैव सक्रिय पदार्थ और जैव पोलिमर्स इत्यादि पाये जाते हैं. अजोला में कार्बोहाइड्रेट और नमी की मात्रा बेहद कम होती है. इसकी बनावट इसे बेहद ही पौष्टिक पशु आहार बनाती है. इसे पशुओं द्वारा आसानी से पचाया जा सकता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा और लिग्निन की मात्रा कम होती है. पशु बहुत ही जल्दी इसके आदी हो जाते हैं. इसके अलावा अजोला के उत्पादन की प्रक्रिया सरल और किफायती है.

पशु को कितना खिलाया जाना चाहिए अजोला
नेचुरल रिसोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, वियका केन्द्र, केरल एवं तमिलनाडु के एक्सपर्ट कहते हैं कि दुधारू पशुओं पर किये गये प्रयोगों से यह साबित हुआ है कि जब पशुओं को उनके दैनिक आहार के साथ 1.5-2 किलोग्राम अजोला प्रति दिन की दर से दिया जाता है तो दूध उत्पादन में 15-20 प्रतिशत की ग्रोथ होती है. ऐसा माना गया है कि 15-20 प्रतिशत तक व्यापारिक दाना आमतौर पर तैलीय खल्ली दिये जाने वाले दाने से कम किया जा सकता है. इसके लिए 15-20 प्रतिशत तक शुष्क भार में अजोला दिया जा सकता है जो दूध के उत्पादन को प्रभावित नहीं करता है.

दूध की क्वालिटी के साथ बढ़ती है पशु की उम्र
रिसर्च से ये भी पाया गया है कि अजोला खिलाने से दूध की क्वालिटी, पशु का हैल्थ और उम्र बढ़ती है. वहीं अजोला को पोल्ट्री आहार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. अजोला को भेड़ों, बकरियों, सूकरों एवं खरगोश के आहार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है. चीन में धान सह-मछली उत्पादन के साथ अजोला की पैदावार करने पर धान के उत्पादन में 20 प्रतिशत और मछली उत्पादन में 30 प्रतिशत की ग्रोथ पाई गई है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles