Home मछली पालन Fisheries: अपनी पसंदीदा भाषा में इस एप से मछलियों की बीमारी का लगाएं पता और करें इलाज
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Fisheries: अपनी पसंदीदा भाषा में इस एप से मछलियों की बीमारी का लगाएं पता और करें इलाज

fish farming in pond
तालाब में मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन कर रहे किसानों के लिए एक बहुत ही फायदे मन मोबाइल एप उलब्ध है. जिसकी मदद से मछली किसान सीधे तौर पर जिला मत्स्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों से जुड़ सकते हैं. इस एप का फायदा उठाकर फिनफिश, झींगा और झींगा की बीमारियों की खुद ही रिपोर्टिंग कर सकते हैं. वहीं एक्सपर्ट किसानों को इस एप के माध्यम से वैज्ञानिक तकनीक सहायता प्रदान करते हैं. वैज्ञानिक सलाह से किस मछलियों बीमारियों के कारण होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं.

यह एप मछली किसानों क्षेत्र स्तरीय अधिकारियों और मछली स्वास्थ्य विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने का काम करता है. किसानों के सामने आने वाली बीमारियों की समस्या जिस पर पहले से ध्यान नहीं दिया जाता, या रिपोर्ट नहीं की जाती वह विशेषज्ञों तक पहुंच जाएगी. कम समय में समस्या का समाधान हो जाएगा. ये बहुत कारगर एप है.

बीमारी के बारे पता चलेगा
इस एप का नाम रिपोर्ट फिश डिजीज है. इसको डाउनलोड करना होगा. इसके माध्यम से मछलियों की तस्वीर के समस्या से जुड़ी जानकारी देनी होगी. जिस पर विशेषज्ञ समाधान बताएंगे. इस एप की मदद से आसानी से मछलियों के रोग की रिपोर्टिंग की जा सकती है. जैसे किस इसमें स्थान प्रभावित प्रजातियां देखे गए लक्षण और फोटो जैसी आवश्यक जानकारी अपलोड करेंगे तो रोग के प्रकोप की आसानी से रिपोर्ट कर सकेंगे.

भाषा चयन कर सकते हैं
एप डाउनलोड करने के बाद सबसे पहले अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर पंजीकरण करना होता है. इसके बाद पासवर्ड या ओटीपी की सहायता से लॉगिन कर सकते हैं. एप के इस्तेमाल करने के लिए हिंदी, इंग्लिश, मराठी, गुजराती, बंगाली और विभिन्न भाषाओं का विकल्प भी मौजूद है. मत्स्य पालक अपनी पसंद की भाषा का चयन कर सकते हैं.

इस तरह डिटेल भरें
एप में सबसे ऊपर उसे बीमारी की सूचना दर्ज करने का विकल्प दिया गया. इसमें तीन श्रेणी मत्स्य से झींगा और सीप है. मत्स्य से संबंधित है, उसका चयन करना होगा. जैसे ही इस पर क्लिक करेंगे तो मत्स्य के प्रपत्र खुल जाएंगे. इसके साथ ही लोकेशन देने का विकल्प भी उपलब्ध होगा. यदि आप ऑटोमेटिक लोकेशन के लिए विकल्प चुनते हैं तो पूरा पता अपने आप भर जाता है. यदि नहीं तो खुद ही सारी जानकारी भरनी होगी. जैसे वर्तमान स्थान पता राज्य जिला गांव आदि. इसके अलावा फॉर्म में मोबाइल नंबर मत्स्य पालक का नाम भरा जाएगा.

फोटो अपलोड करने का भी विकल्प
यह सारी जानकारी के बाद आगे बढ़ाने के विकल्प पर क्लिक करना होगा. पहले पेज पर जानकारी भरने के बाद अगला विकल्प चुनना होगा. अगला पेज खुल जाएगा. इसमें झींगा, मछली, सीप का चयन करना होगा. उसके पालन का प्रकार और प्रजातियां बतानी होगी. इसके अलावा संख्या पर जालीय कृषि का प्रभावित क्षेत्रफल समस्या जल की गुणवत्ता के मापदंड लक्षण सब जानकारी भरनी होगी. यह जानकारी भरने के बाद जिन मछलियों, झींगा में बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं उनके समूह का फोटो अपलोड करना होगा.

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