Home मछली पालन PMMSY: पांच साल में फिशरीज सेक्टर को इस योजना से हुए कई फायदे, यहां पढ़ें उपलब्धियां
मछली पालनसरकारी स्की‍म

PMMSY: पांच साल में फिशरीज सेक्टर को इस योजना से हुए कई फायदे, यहां पढ़ें उपलब्धियां

Fisheries,Fish Farming, Fish Farming Centre, CMFRI
मछलियों की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र में विकास के तमाम अवसरों की पहचान करते हुए केंद्रीय बजट 2019-20 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की शुरुआत की थी. ताकि मछली उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता, नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल, पैदावार के बाद उससे संबंधित बुनियादी ढांचे और प्रबंधन, मूल्य श्रृंखला के आधुनिकीकरण, उनके बारे में पता लगाने की क्षमता और मछुआरों के कल्याण में महत्वपूर्ण अंतराल को दूर किया जा सके. जिससे सफलता भी मिली है. इसे 20 मई 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र में “नीली क्रांति” की शुरुआत करने के लिए ऐतिहासिक पहल के रूप में स्वीकार किया गया था.

इस योजना को औपचारिक रूप से मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग की ओर से 10 सितंबर, 2020 को राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) को नोडल एजेंसी बनाकर प्रशिक्षण, जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को लागू करने के लिए शुरू किया गया था.

बढ़ा दी गई योजना ​की मियाद
इस योजना को 20,050 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ स्वीकृति दी गई थी.

इसमें 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए केंद्र सरकार से 9,407 करोड़ रुपये मिले.

राज्य सरकारों से 4,880 करोड़ रुपये मिले और लाभार्थियों के योगदान के रूप में 5,763 करोड़ रुपये शामिल हैं.

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने मौजूदा योजना के डिजाइन और फंडिंग के तौर-तरीके के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 तक पीएमएमएसवाई के विस्तार पर सहमति व्यक्त की है.

22 जुलाई 2025 तक मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 21,274.16 करोड़ रुपये की मत्स्य विकास परियोजनाओं को स्वीकृति दी है.

यह स्वीकृति राज्य सरकारों, केंद्रशासित क्षेत्रों और विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों से प्राप्त प्रस्तावों पर आधारित हैं. स्वीकृत राशि में से केंद्र का हिस्सा 9,189.79 करोड़ रुपये है.

इन परियोजनाओं के चलाने के लिए अब तक विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य एजेंसियों को 5,587.57 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.

पीएमएमएसवाई क्या हैं उपलब्धि
भारत 2024-25 में 195 लाख टन मत्स्य उत्पादन करके इस क्षेत्र में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया.

फरवरी, 2025 तक मत्स्यपालन की उत्पादकता में 3 से 4.7 टन प्रति हेक्टेयर के राष्ट्रीय औसत से वृद्धि.

दिसंबर, 2024 तक 55 लाख के लक्ष्य को पार करते हुए रोजगार के 58 लाख अवसर सृजित किए गए.

2020-21 से 2024-25 तक स्वीकृत 4,061.96 करोड़ रुपये के माध्यम से 99,018 महिलाओं का सशक्तीकरण हुआ.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

जब पूरी जानकारी होगी तो नुकसान का चांसेज कम होगा और इससे मुनाफा ज्यादा होगा. इसलिए अगर आप मछली पालन करना चाहते हैं तो जरूरी है कि मछली को खाना खिलाया जाता है उसकी जानकारी तो कम से कम कर लें.
मछली पालनसरकारी स्की‍म

PMMSY की 3 अहम पहल से फिशरीज सेक्टर को हुए कई फायदे, पढ़ें यहां

पीएमएमएसवाई लाभार्थी गतिविधियों और बिजनेस मॉडल के तहत वित्तीय सहायता (1.5 करोड़...

fish farming
मछली पालन

Fish Farming: मछलियों की बेहतर ग्रोथ के लिए किस तरह का फीड दिया जाए, जानें यहां

यदि आप भी चाहते हैं कि आपके तालाब की मछलियां हैल्दी रहें...

PRADHAN MANTRI FASAL BIMA YOJANA, PMFBY,SHAREHOLDER FARMER
सरकारी स्की‍म

Loan: किसानों को आसान शर्तों पर मिल रहा है यहां से लोन, इनकम बढ़ाने का है बेहतरीन मौका

जानकारी के लिए बता दें कि वेरिफिकेशन पूरा होते ही एसएमएस के...

Under the Prime Minister Matsya Sampada Yojana (PMMSY), the flagship scheme of the Government of India in Andhra Pradesh, a total investment of Rs 2300 crore has been envisaged in the fisheries sector for five years. livestockanimalnews
मछली पालन

Fisheries: मछुआरों की समस्याओं को हल करने पर दिया गया जोर, परेशानियों का हल भी बताया

नीति निर्माण और वैज्ञानिक अनुसंधान को एक साथ चलना चाहिए और वैज्ञानिक...