Home मछली पालन Fish Farming Tips: एक छोटे तालाब में कैसे शुरू करें मछली पालन का बिजनेस, जानिए यहां पूरी डिटेल
मछली पालन

Fish Farming Tips: एक छोटे तालाब में कैसे शुरू करें मछली पालन का बिजनेस, जानिए यहां पूरी डिटेल

अगर आप छोटे गड्ढे में मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको तालाब के आकार को चुनना होगा. एक से 2000 स्क्वायर फीट के तालाब में आप बढ़िया मछली पालन कर सकते हैं.
तालाब में मछली.

नई दिल्ली. मछली पालन आज काफी फायदे का बिजनेस बनता जा रहा है. सरकार की चलाई गई सब्सिडी की स्कीम भी मछली पालन में मिल रही हैं. लोग ज्यादा से ज्यादा मछली पालन में आगे आ रहे हैं और अपनी इनकम को बढ़ा रहे हैं. इसके लिए सरकार लगातार योजनाएं चलाती रहती है. मछली पालन को आप छोटे गड्ढे में शुरू कर सकते हैं. जी हां आज हम आपको 2000 स्क्वायर फीट के गड्ढे में कैसे मछलियों को पालन और कैसे उनसे अच्छी इनकम और ग्रोथ लें इसकी जानकारी दे रहे हैं. तो पूरे आर्टिकल को ध्यान से पढ़िए और कम जगह में अच्छा मछली पालन कैसे कर सकते हैं, यह पूरी जानकारी आप ले सकते हैं.
अक्सर किसानों के पास छोटी जमीन होती है और इस छोटी जमीन पर कोई फसल उगाता है तो उसे ज्यादा मुनाफा नहीं मिलता है, तो वह मछली पालन भी कर सकता है और ज्यादा मुनाफा कमा सकता है. क्योंकि तालाब का पानी खेती में सिंचाई के लिए बहुत अच्छा माध्यम होता है. खेतों के किनारों के नीबू, केले या पपीते की खेती की जा सकती है, जिससे एक्स्ट्रा इनकम की जा सकती है. वहीं छोटे गड्ढे में भी मछली पालन किया जा सकता है और मछली पालन करके आप अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं.

ऐसे शुरू कर सकते हैं मछली पालन: मछली पालन सरल तरीके से किया जा सकता है. अगर आप छोटे गड्ढे में मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको तालाब के आकार को चुनना होगा. एक से 2000 स्क्वायर फीट के तालाब में आप बढ़िया मछली पालन कर सकते हैं. मछली पालन की तालाब की लंबाई कम से कम 25 फीट होनी चाहिए, चौड़ाई 20 फीट और गहराई 8 फीट होनी चाहिए. यहां पानी का स्तर वह 5 से 6 फीट का होना जरूरी है. इनमें आप मछलियों को पाल सकते हैं. छोटे तालाब में पाली जाने वाली मछलियों को खिलाने के लिए खेती की चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

पानी का रखना होगा ध्यान: मछली पालन में सबसे अधिक जरूरी चीज है पानी का स्तर और वहां की आक्सीजन. एक छोटे तालाब में पानी के मैनेजमेंट की समस्या आती है. यहां के पानी में अमोनिया बढ़ जाता है, ऑक्सीजन की कमी होती है. पीएच लेवल घटने लगता है. तमाम तरीके की वॉटर क्वालिटी संबंधित दिक्कतें हो जाती है. इसलिए यहां अन्य मछलियों का पालन नहीं करना चाहिए. छोटे तालाबों में रोहू, सिल्वर कॉर्प का सर्वाइकल रेट काफी कम होता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

State Fisheries Officials provided updates on the status, progress, and key challenges in promoting inland saline and shrimp aquaculture.
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की योजना, पढ़ें इसके फायदे

जिससे इनका संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ मत्स्य उत्पादकता तथा किसानों के...

The Department of Fisheries organized the Startup Conclave 2.0 to promote innovation in the fisheries sector.
मछली पालन

Fish Farming: मछली के शरीर पर है लाल रंग का धब्बा तो हो जाएं अलर्ट, इस खतरनाक बीमारी का है ये लक्षण

इस रोग से प्रभावित होने वाली प्रमुख प्रजातियां गरई, भाकुर, रोहू, कवई,...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन की इस योजना का फायदा उठाकर शुरू करनें अपना बिजनेस

बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है तमाम योजनाओं में...