Home सरकारी स्की‍म Fisheries: खारे पानी में मछली पालन के लिए सरकार दे रही है आर्थिक मदद, पढ़ें इस तरह फिश फार्मिंग के फायदे
सरकारी स्की‍म

Fisheries: खारे पानी में मछली पालन के लिए सरकार दे रही है आर्थिक मदद, पढ़ें इस तरह फिश फार्मिंग के फायदे

Animal Husbandry, Fish, Duck Farming, Poultry Farming
रूपेश कुमार का तालाब

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना स्कीम के तहत केंद्र सरकार कई ऐसी योजनाओं को चल रही है, जिससे खारे पानी में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा सके. मछली पालन को बढ़ावा देने का मतलब यह है कि इससे मछली पालन का काम करने वाले लोगों की आजीविका का सोर्स बनता है और उनकी इनकम बढ़ती है. जबकि सरकार यह भी चाहती है कि जो भी किसान कृषि पर निर्भर हैं. वह भी मछली पालन का काम करें. ताकि उनकी भी इनकम डबल हो जाए. इससे किसानों के साथ-साथ देश को भी फायदा होगा. फिश फार्मिंग से जब मछली का उत्पादन बढ़ेगा तो मछलियों को एक्सपोर्ट भी ज्यादा किया जाएगा. इससे देश के विकास में किसान और ज्यादा योगदान दे पाएंगे.

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत नए खारे व क्षारीय मछली तालाब के इनपुट पर सब्सिडी दी जा रही है. केंद्रीय सरकार द्वारा पेश की गई, इस योजना के तहत इकाई लागत 6 लाख रुपए पर प्रति हेक्टेयर पर 40 फीसदी सामान्य वर्ग के लोगों को और 60 फीसदी अनुसूचित वह महिला वर्ग के लोगों को सब्सिडी दी जाएगी. इससे किसान मछली पालन का काम शुरू कर सकते हैं और उन्हें फायदा होगा.

क्या है खारे पानी में मछली पालन का फायदा
खारे पानी से मछली पालन के फायदे की बात करें तो मछलियां खारे पानी में तालाब में मौजूद प्राकृतिक खाद जीवन पर निर्भर रहती हैं. इसलिए कृत्रिम चारा देने की जरूरत इसमें नहीं पड़ती है. फीड पर खर्च कम होता है. खारे पानी में मछली पालने के लिए किसी भी बारहमासी खारे पानी के तालाब में को इस्तेमाल किया जा सकता है. फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि तिलापिया जैसी मछलियां खारे पानी में रहती हैं और इनका आहार अनाज होता है. अगर आप भी खारे पानी में मछली पालन करना चाहते हैं तो सरकार के नए खारे व क्षारीय तालाब योजना के तहत इनपुट पर अनुदान ले सकते हैं और मछली पालन से फायदा हासिल कर सकते हैं.

इन कागजात की पड़ेगी, जरूरत माननी पड़ेगी ये शर्तें
सरकार की इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, वोटर आईडी कार्ड, जन्म तिथि प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और हाई स्कूल का सर्टिफिकेट देना होगा.

जातीय प्रमाण पत्र, तहसीलदार द्वारा जारी होना चाहिए. मत्स्य विभाग और मछली पालक के बीच कॉन्ट्रैक्ट पर साइन होना भी जरूरी है. बैंक खाते और बैंक पैनकार्ड की डिटेल देनी होगा.

फायदा पाने वाले की इनपुट के साथ कॉम्पोनेंट्स के साथ फोटो देनी होगी. बिल रसीद वाउचर की जरूरत भी पड़ेगी. वहीं लाभार्थी के पास परिवार के पहचान पत्र होना जरूरी है.

सरकार की ओर से नए खारे पानी क्षारीय मछली तालाब के इनपुट पर अनुदान विभिन्न राज्यों सरकार के तहत बनाए गए नए तालाबों के लिए दिया जाएगा.

लाभार्थी को केवल नवनिर्मित में प्रारंभिक फसल के लिए खाद खुराक के लिए कितनी सहायता मिलेगी.

वहीं मछली पालन के लिए तालाब तैयार होने के बाद भी खाद खुराक के लिए केंद्रीय सहायता दी जाती रहेगी.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री, राजीव रंजन सिंह ललन सिंह ने पटना में भारतीय डेयरी संघ के 51वें डेयरी उद्योग सम्मेलन का उद्घाटन किया
Dairyसरकारी स्की‍म

Dairy: कैसे भारत बना दूध उत्पादन में दुनिया का सबसे बड़ा देश, एनडीडीबी अध्यक्ष ने दी जानकारी

डॉक्टर शाह ने बताया, कि एनडीडीबी डेयरी विकास गतिविधियों के लिए विभिन्न...

पशुधन में दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार सेक्स सोर्टेड सीमन तकनीक को बढ़ावा दे रही है. इस तकनीक से बछिया पैदा होने की संभावना 85 से 90 प्रतिशत तक हो जाती है.
सरकारी स्की‍म

Government Scheme: किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी ये तकनीक

पशुधन में दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार सेक्स सोर्टेड...