नई दिल्ली. अगर आप मछली पालक हैं तो जाहिर सी बात है कि मछली पालन करके ज्यादा कमाई करना चाहते होंगे. आपको बता दें कि मछली पालन एक बेहतरीन काम है, जिससे अच्छी कमाई की जा सकती है लेकिन वक्त के साथ मछली पालन के काम में बहुत से बदलाव भी हुए हैं. कई मछली पालकों ने नए बदलावों को एक्सेप्ट भी किया है. कहने का मतलब यह है कि साइंटिफिक तरीके से मछली पालन कर रहे हैं इसके लिए ट्रेनिंग लेकर मछली पालन सीख रहे हैं. जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा मिलता है. अगर आप भी मछली पालन से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं ये करना होगा.
एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर ट्रेनिंग लेकर मछली पालन का काम किया जाए तो ज्यादा मुनाफा मिलता है. क्योंकि तब मछली पालन की तमाम बारीकियां एक्सपर्ट द्वारा सिखाई और बताई जाती हैं. हम भी यहां आपको मछली पालन की कुछ बारीकियां बताने जा रहे हैं. जिससे आप मछली पालन करके अच्छी कमाई कर सकते हैं फिर देर किस बात की है. आइए इस बारे में डिटेल से जानते हैं कि कैसे मछली पालन में कमाई बढ़ाई जा सकती है.
यहां पढ़ें मछली पालन में क्या करें
एक्सपर्ट का कहना है कि मछली पालन में तालाब के पानी की क्वालिटी बनाए रखने के लिए हर 2 महीने पर 10 फीसदी पानी बदल देना चाहिए.
इससे पानी में मौजूद जहरीले तत्व कम हो जाते हैं. वहीं ऑक्सीजन लेवल ठीक बना रहता है. जिससे मछलियां अच्छे से ग्रोथ करती हैं और मछली पालकों को भविष्य में इससे फायदा मिलता है
यदि तालाब में प्लैंक्टन मौजूद होगा तो इससे मछलियों को सही और नेचुरल फीड मिलता रहता है. इससे उनका इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है, उन्हें बीमारियों का खतरा कम रहता है जिससे उत्पादन बेहतर मिलता है.
सही देखभाल और बैलेंस फीडिंग से 6 महीने में मछलियों को बाजार में बेचने लायक तैयार कर सकते हैं. 3 महीने के बाद मछलियों की ग्रोथ तेज करने के लिए सही डाइटिंग प्लान बेहद जरूरी होता है.
अगर तालाब में कतला मछली मौजूद है तो 3 महीने के बाद विटामिन और मिनरल से भरपूर फीड उन्हें खिलाना चाहिए. इसके लिए आप सरसों की खली में मिनरल मिक्सचर पाउडर मिलाकर खिला सकते हैं.
दरअसल, कत्ला मछलियां पानी की ऊपरी सतह पर रहती हैं और ऊपर तैरते चारे को आसानी खा सकती हैं. इसका फायदा यह होगा की मछलियों की ग्रोथ अच्छी होगी.
वहीं रोहू मछलियों के लिए चावल का भूसा, मक्की और फ्लोटिंग फीड देना बेहद ही फायदेमंद होता है. इन चीजों को 3 महीने के बाद जरूर खिलाना चाहिए.
एक्सपर्ट कहते हैं कि रोहू मछली तालाब के बीच वाली सतह में रहती हैं. इस तरह का चारा वह आसानी के साथ खा लेती हैं.
मृगल मछली के लिए अलग से कोई चारा देने की जरूरत नहीं पड़ती. क्योंकि ये मछलियां तालाब में गिरे हुए कार्बनिक पदार्थ को और तली में मौजूद कीचड़ से अपनी ग्रोथ कर लेती हैं.
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