नई दिल्ली. मछली पालन करने के लिए तालाब की जरूरत पड़ती है. अगर आपके पास तालाब खोदवाने के लिए जमीन नहीं है, तो आप पट्टटे पर भी जमीन को ले सकते हैं. अगर पट्टटे पर जमीन लेने के लिए भी पैसों की कमी पड़ रही है तो सरकार आपकी मदद कर रही है. सरकार आपको पट्टा पर जमीन लेने के लिए कुल खर्च पर 40 परसेंट सब्सिडी देगी. जिससे आपको पट्टा पर तालाब लेने में आसानी होगी और इससे आप मछली पालन का काम शुरू कर सकते हैं. जिससे भविष्य में आपको अच्छी खासी कमाई होने लगेगी. सरकार की ओर से चलाई जा रही स्कीम में चार हेक्टेयर तक के तालाब के पट्टे पर आपको सब्सिडी मिलेगी.
अगर आप हेक्टेयर तक के तालाब का पट्टा करते हैं तो हर साल लाखों रुपए तक की कमाई आपको हो सकती है. वहीं सरकार भी चाहती है कि किसानों की आय दोगुनी हो जाए, इसी के मद्देनजर किसनों की भी मदद की जा रही है. मछली पालन से किसानों के पास अपनी आजीविका चलाने का एक और मजबूत साधन मिल जाता है.
जानें किसे मिलेगा योजना का फायदा
बता दें कि मछली पालन से जुड़े अनुसूचित जाति से संबंधित परिवारों के लिए स्कीम चलाई जा रही है. इसके लिए आवेदन करने वाले किसान के पास परिवार पहचान पत्र होना जरूरी है. आवेदन करने वाले को हरियाणा राज्य का निवासी होना भी जरूरी है. इसके अलावा वो अनुसूचित जाति सब्सिडी दूसरे वर्ष से 5 वर्ष तक ही दी जाती है. सब्सिडी अधिकतम 4 हेक्टेयर पर दी जाएगी. आवेदन करने वालों की उम्र कम से कम 18 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए. वहीं वह किसी सरकारी और अर्ध सरकारी संस्था में कार्यरत नहीं होना चाहिए.
इन दस्तावेजों को लगाना होगा
मछली पालन के लिए मछली किसान और पंचायत साथ ही विभाग के बीच कॉन्ट्रैक्ट पर साइन होना जरूरी है. आवेदन करने वाले को बर्थ सर्टिफिकेट, डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट, हाईस्कूल का सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि देना होगा. पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता कार्ड लगा सकते हैं. जाति प्रमाण पत्र भी तहसीलदार द्वारा जारी किया होना चाहिए. किसी सरकारी संस्थान से मछली पालन की ट्रेनिंग हासिल करना भी जरूरी है. पंचायत का प्रस्ताव दस्तावेज और पंचायत की पट्टा रसीद भी लगानी होगी. कोई राष्ट्रीय मत्स्य फॉर्म से मछली बीज खरीद की रसीद, बाउचर भी देनी होगी. तालाब से संबंधित फोटो भी देना होगा.
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