Home मछली पालन Fish Farming : मछली की अच्छी ग्रोथ के लिए कितना होना चाहिए तालाब का तापमान, जानिए यहां
मछली पालन

Fish Farming : मछली की अच्छी ग्रोथ के लिए कितना होना चाहिए तालाब का तापमान, जानिए यहां

तालाब में खाद का अच्छे उपयोग के लिए लगभग एक सप्ताह के पहले 250 से 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिना बुझा चूना डालने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.
तालाब में मछली निकालते मछली पालक

नई दिल्ली. मछली पालन एक बेहतरीन व्यवसाय है. बहुत से किसान मछली पालन करके अच्छी खासी इनकम हासिल कर रहे हैं. मछली पालन करने और इससे फायदा उठाने के लिए इसकी जानकारी होना भी जरूरी है. मछली पालन करने में जिस तरह से मछली पालक को ये पता होना चाहिए कि मछली को क्या-क्या कब और कितना खिलाना है, ठीक उसी तरह से अन्य बातों की जानकारी भी होनी चाहिए. मछली की अच्छी ग्रोथ के लिए कई और कारक भी बेहद अहम है. अगर तालाब में तापमान का स्तर कम है तो इससे भी मछली की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.

एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस तालाब में मछली पाली जा रही है, उसके तापमान की जानकारी होना जरूरी है. क्योंकि तापमान के घटने और बढ़ने का असर मछली पर पड़ता है. तापमान के बढ़ने से मछली को कुछ दिक्कतें भी होती हैं, ये भी जानना बेहद अहम है. आइए तालाब के तापमान और इसके असर के बारे में जानते हैं.

अनुकूल तापमान कितना होना चाहिएः फिश एक्सपर्ट के मुताबिक सभी प्राणियों के लिए तापमान की एक आर्दश सीमा होती है, एक तापमान सहने की सीमा होती है. तापमान सहने की अंतिम सीमा होती है. मछली का व्यवहार सीधे तौर पर वातावरणीय तापमान से सम्बन्धित होता है. तापमान के बढ़ने या घटने से अन्य भौतिक रासायनिक और जैविक कारकों पर काफी प्रभाव पड़ता है. कार्प मछलियों के लिए सबसे अनुकूलतम जल तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है. तापमान बढ़ने से मछली के लिए उपलब्ध आवश्यक पदार्थों जैसे घुलित ऑक्सीजन इत्यादि घटने लगते हैं. वायु का तापमान प्रतिदिन 10 डिग्री सेल्सियस तक परिवर्तित हो सकता है. जबकि जलीय तापमान 50 सेमी. गहराई पर नही बदलने वाला रहता है.

ग्रोथ में होता है फायदाः क्लोस्ड रिसकुलेटिंग सिस्टम के अलावा जलकृषि की सभी तकनीकों में तापमान प्रबंधन लिए निम्नलिखित बदलाव जरूरी है. मत्स्य बीज संचय तभी करें जब तापमान सहायक हो. तापमान के अधिक या कम होने पर मत्स्य आहार नियंत्रित कर दें. तापमान के कारण बीमारियों या मृत्यु होने से पूर्व दोहन कर लें. जरूरत होने पर पानी बदलें. जल में तापमान के समुचित वितरण के लिए वायुकरण यंत्रों या जल चककों का प्रयोग किया जा सकता है. जिससे जलीय गुणवतता अच्छी होगी तथा उत्पादन बढ़ेगा. जल मिश्रण से तालाब में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है. कुल घुलित ठोस पदार्थ मी एक महत्वपूर्ण कारक है. घुलित ठोस पदार्थ के रूप में कई महत्वपूर्ण पोषक एवं खनिज पदार्थ होते हैं, जो कि पादप प्लवकों की बड़वार में सहायक होते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

State Fisheries Officials provided updates on the status, progress, and key challenges in promoting inland saline and shrimp aquaculture.
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने शुरू की योजना, पढ़ें इसके फायदे

जिससे इनका संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ मत्स्य उत्पादकता तथा किसानों के...

The Department of Fisheries organized the Startup Conclave 2.0 to promote innovation in the fisheries sector.
मछली पालन

Fish Farming: मछली के शरीर पर है लाल रंग का धब्बा तो हो जाएं अलर्ट, इस खतरनाक बीमारी का है ये लक्षण

इस रोग से प्रभावित होने वाली प्रमुख प्रजातियां गरई, भाकुर, रोहू, कवई,...

fish farming in pond
मछली पालन

Fish Farming Scheme: मछली पालन की इस योजना का फायदा उठाकर शुरू करनें अपना बिजनेस

बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही है तमाम योजनाओं में...