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Fish Farming: मछली पालन शुरू करने वालों को PMMSY के तहत मिल रहा है फंड, जानें कैसे पा सकते हैं फायदा

cage culture fish farming
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. मछली पालन को सरकार बढ़ावा देना चाहती है. इसी वजह से कई सारी योजनाएं चला रही है. मछली पालन को कई तरह से किया जा सकता है. उसी में से बायोफ्लॉक तकनीक भी है, जिसमें टैंक बनाकर मछली पाली जाती है. टैंक बनाने में हजारों रुपये का खर्च आता है और इस टैंक में पांच साल तक मछलियों को पाला जा सकता है. इसमें मछलियों का उत्पादन अच्छा मिलता है. सबसे अच्छी बात ये है कि कम खर्च में इसमें मछली पालन से ज्यादा से ज्यादा मुनाफा लिया जा सकता है. इसलिए ये तरीका बहुत बेहतर माना जा रहा है.

केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के तहत बायोफ्लाक तकनीक से मछली पालन करने के लिए टैंक का निर्माण कराने के लिए मछली पालने वाले किसानों की मदद की जा रही है. इससे किसान अच्छी इनकम हासिल कर सकते हैं. इस योजना के तहत बायोफ्लाक यूनिट का निर्माण के लिए भारत सरकार द्वारा ईकाई लागत पर अनुदान दिया जा रहा है. सामान्य वर्ग के पात्र लोगों को 40 प्रतिशत जबकि अनुसूचित जाति, महिला लाभार्थियों को 70 फीसदी तक अनुदान मिलेगा.

आवेदन करने की क्या हैं शर्तें

  1. लाभार्थी को परिवार पहचान पत्र देना जरूरी होगा.
  2. लाभार्थी को अपनी जमीन के दस्तावेज प्रस्तुत करने होगे, जिनमें किसी भी वित्तीय संस्थान से कोई पैसा या लोन न लिया गया हो.
  3. किसी भी सतही वॉटर सोर्स जैसे नहर, नदी, उप-सतह खुले कुंए, ट्यूबवेल, भू-जल का उपयोग आरएसस या बायोफ्लाक के लिए किया जा सकता है.
  4. आरएएस या बायोफ्लाक के निर्माण के बाद का संचालन, प्रबंधन और रख-रखाव लाभार्थियों द्वारा अपने खर्च पर करना होगा.
  5. आरएएस या बायोफ्लाक की स्थापना के लिए बुनियादी ढांचे तथा पानी को साफ करने की भी जरूरत होती है.
  6. लंबे समय के पंजीकृत पट्टे पर भूमि वाली परियोजनाओं पर भी योजना के तहत केंद्रीय वित्तीय सहायता के लिए विचार किया जाएगा. वहीं पट्टानामा की अवधि का समय न्यूनतम 10 वर्ष से कम नहीं होगा.

ये जरूरी दस्तावेज लगाने होंगे
आवेदन करने वालों को जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता कार्ड, जन्मतिथि प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, हाईस्कूल का सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र और तहसीलदार द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र देना होगा. वहीं आवेदन करने वाले के पास मछली पालन की ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट बना होना चाहिए. जमीन का रिकार्ड तहसील से भूमि का रिकार्ड आदि भी आवेदन के साथ देना होगा. इसकेे अलावा बिल, रसीद, बाउचर, लाभार्थी की बायोफ्लोक यूनिट के साथ फोटो, बैंक खाते और पैन कार्ड की डिटेलल भी देनी होगी. इसके अलावा PMMSY के तहत जारी दिशानिर्देशों के अनुसार एससीपी आौर डीपीआर भी देना होगा.

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Livestock Animal News

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