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Fish Farming: मछली पालन में क्यों जरूरी है दवाओं का इस्तेमाल, कैसे करना चाहिए ये भी जानें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन में ज्यादा उत्पादन के लिए और उसकी तेजी से ग्रोथ के लिए कई बातों का ख्याल रखना होता है. मछली पालने वाले किसान और एक्सपर्ट तक ये कहते हैं कि मछलियों को समय-समय पर फीड के साथ दवा भी दिया जाना चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है कि मछली पालन में दवा का इस्तेमाल करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि जहां यह दवाइयां बीमारियों से मछलियों को बचाती हैं तो कई बार इन्हें रिचार्ज करने का काम भी करती हैं. इसलिए दवाइयां देना बेहद ही जरूरी है. हालांकि आप यह जरूर तय कर सकते हैं कि महंगी दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं या सस्ती. क्योंकि इसका असर फिश फार्मिंग की लागत पर पड़ता है.

फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालन में अगर दवा का इस्तेमाल न किया जाए तो इससे मछलियों को बीमारियां हो जाती हैं. उनका उत्पादन कम हो जाता है. मछलियों में बीमारियां होने की वजह से उनमें मृत्यु दर भी दिखाई देती है. इसके चलते मछली पालन में बड़ा नुकसान होने का खतरा रहता है. इस आर्टिकल में आइए जानते हैं कि मछलियों को कौन-कौन सी दवाएं दी जानी चाहिए और किन बीमारियों से य दवाएं बचाती हैं.

फीड में मिलाकर दी जाती हैं दवाएं
फिश एक्स्पर्ट का कहना है कि मछलियों को फीड में मिलाकर दवा दी जाती है. फीड में आप एंटीबायोटिक्स के तौर पर ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन, एरिथ्रोमाइसिन, और स्ट्रेप्टोमाइसिन जैसी एंटीबायोटिक्स दवाओं का यूज कर सकते हैं. इससे मछलियों को बीमारियों से बचाया जा सकता है. वहीं इससे मछलियों की ग्रोथ अच्छी होती है. फिश एक्स्पर्ट का कहना है कि एंटी-पैरासिटिक्स दवाओं का भी सेवन मछलियों को कराया जाता है. इसमें फॉर्मेलिन, मैलाकाइट ग्रीन, और कॉपर सल्फ़ेट जैसी एंटी-पैरासिटिक्स दवाएं देनी चाहिए. इसके इस्तेमाल का ये फायदा है कि परजीवी संक्रमणों के खतरे को इससे कम किया जा सकता है. ये दवाएं इलाज और रोकथाम दोनों में इस्तेमाल होती हैं.

बैक्टीरियल और फंगस की बीमारियों के लिए दें ये दवा
पिंकी दवाओं के बारे में बता दें कि ये एक ऑक्सीडाइजिंग के लिए होती है. जिसका इस्तेमाल बैक्टीरियल और फंगस से होने वाली बीमारियों के इलाज के तौर पर किया जाता है. प्लैंकटामिन दवाओं का इस्तेमाल प्लैंकटन के इजाफे के लिए किया जाता है. वहीं वीटामिन वाली दवाएं सभी तरह की मछलियों के लिए जरूरी मिनरल और विटामिन का मिश्रण होता है. दवाओं का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. रसायन मछलियों की स्किन और सांस लेने के रास्ते के लिए खतरनाक भी हो सकती है. मछलियों के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान दें कि हमेशा ही एक्सपर्ट की राय जरूर ले लें.

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