नई दिल्ली. केंद्र सरकार लगातार मछली पालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. मछली पालन विभाग (DoF) इस कड़ी में लगातार बैठकें करके फिश सेक्टर को मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार मत्स्य क्षेत्र को 29 विशेष पहलों और पीएमएमएसवाई के तहत 923.39 करोड़ का निवेश के साथ आगे बढ़ा रहा है. भारत सरकार पीएमMMSY के जरिए से राज्य की समृद्धि और लगातार मछली पालन को सृजित करने के लिए निवेश कर रही है, जिससे मछली किसानों के जीवन यापन में सुधार हो सके.
वहीं सागर मेहता की अध्यक्षता में मत्स्य विभाग की ओर से मत्स्य पालन में स्टार्टअप को मजबूत करने को लेकर एक वेबिनार आयोजित किया गया. जिसमें 100 से अधिक प्रतिभागियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भाग लिया. उन्होंने भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और समावेशिता को बढ़ावा देकर मत्स्य पालन स्टार्टअप की भूमिका पर जोर दिया और FIDF, PMMSY, PMKSSY और DoF मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के तहत फायदों को भी उजागर किया.
मछुआरों ने इन समस्याओं को उठाया
इसके अलावा पिछले दिनों सचिव, मछली पालन विभाग (DoF) अभिलक्ष लिखी की मौजूदगी में बिहार के मछुआरों, मछली पालन सहकारी समितियों और संघों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक फीडबैक सत्र आयोजित किया गया.
इस फीडबैक सत्र में 38 जिलों के 200 से अधिक मछुआरों की सक्रिय भागीदारी देखी गई. यहां मछुआरों ने कुछ प्रमुख मुद्दों को सामने लाने की कोशिश की.
जैसे कि पकड़ को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की जरूरत, समर्पित मछली बाजारों की स्थापना, पंगेसियस और तिलापिया के लिए प्रोसेसिंग प्लांट, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम, सौर लाइटों की उपलब्धता, और बीमा कवरेज.
केंद्रीय सचिव ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के फायदों के बारे में बताया. विशेष रूप से पीएम-एमकेएसएसवाई के तहत योजना की जागरूकता बढ़ाने के लिए एक जागरूकता अभियान के महत्व पर जोर दिया.
सत्र में डॉ. एन. विजया लक्ष्मी, प्रमुख सचिव, पशु और मछली संसाधन विभाग, बिहार सरकार; आर्थिक सलाहकार, DoF; संयुक्त सचिव (IF), DoF, भारत सरकार; CE, NFDB; और DoF, भारत सरकार और सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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