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Fish Farming Tips: मछ​लियों की बेहतर ग्रोथ के लिए इस महीने क्या करना चाहिए, जानें यहां

जब पूरी जानकारी होगी तो नुकसान का चांसेज कम होगा और इससे मुनाफा ज्यादा होगा. इसलिए अगर आप मछली पालन करना चाहते हैं तो जरूरी है कि मछली को खाना खिलाया जाता है उसकी जानकारी तो कम से कम कर लें.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली पालन में मौसम के बदलाव के साथ—साथ को बदलाव करने की जरूरत होती है. या यूं कहा जाए कि मछली पालन के मैनेजमेंट में कुछ बदलाव किया जाता है. ताकि मछली पालन में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए और मछलियों की ग्रोथ बेहतर हो, जिससे उत्पादन बेहतर मिल सके. अक्टूबर का महीना शुरू हो गया है. ऐसे में बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) की ओर से मछली पालन को लेकर कुछ अहम जानकारी साझा की गई है, ताकि मछली पालक खुद को नुकसान से बचा सकें.

यदि आप भी जानना चाहते हैं कि क्या करना है तो इसी बात की जानकारी हम यहां आपको देने जा रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि अक्टूबर के महीने में मछली पालकों को पूरक आहार का इस्तेमाल मछली के कुल वजन का 2 से 3 प्रतिशत की दर से करना चाहिए. वहीं इस महीने में चूना का इस्तेमाल प्रति माह पीएच मान के अनुसार 15-20 किलो ग्राम प्रति एकड़ की दर से एक्सपर्ट की सलाह से करें.

इस महीने क्या-क्या करना चाहिए
तालाब में बीमारी को रोकने के लिए बाहरी पानी (नाला का पानी) को तालाब में आने से रोकें.

तालाब में कीड़े और आग्रुलस के संक्रमण को रोकने के लिए एक्सपर्ट की सलाह से दवा का इस्तेमाल करें.

महीने के आखिरी में तालाब में जाल चलवाएं. हालांकि पंगेशियस के तालाब में जाल चलाना सही नहीं है.

पूरक आहार में 10 ग्राम नमक प्रति किलो ग्राम भोजन की दर से मिलाकर माह में 10 दिन लगातार मछलियों को खिलाएं.

अक्टूबर में एक बार वाटर सेनिटाइजर के रूप में पोटाशियम परमैगनेट का प्रयोग 400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से करें.

पूरक आहार देने का समय सुबह 10:00 बजे और शाम 4:00 बजे निर्धारित करें.

तालाब का पानी ज्यादा हरा होने पर चूना एवं रासायनिक खाद का प्रयोग बंद करें.

पानी ज्यादा हरा होने पर 800 ग्राम कॉपर सल्फेट या 20 किलो ग्राम फिटकिरी (ALUM) प्रति एकड़ की दर से 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.

तालाब में मछलियों को फफूंद और पारासाइटिक संक्रमण के बचाव के लिए 40 किलो ग्राम नमक प्रति एकड़ की दर से 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.

तालाब में पानी का स्तर 6 से 8 फीट के बीच में संतुलित रखें. तालाब के चारो तरफ साफ-सफाई रखें.

निष्कर्ष
एक्सपर्ट का कहना है कि यदि अक्टूबर के महीने में ये तमाम काम कर लिए गए तो फिर इससे मछली की ग्रोथ अच्छी होगी और उत्पादन भी अच्छा मिलेगा. जिसका फायदा मछली पालन में होगा.

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Livestock Animal News

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