नई दिल्ली. मछली पालन एक ऐसा काम है, जिसे करके आप खूब कमाई कर सकते हैं. मछली पालन करके एक साल में 5 से 6 लाख रुपए की भी इनकम होती है. हालांकि यह मछली के उत्पादन पर निर्भर करता है. क्योंकि मछली के उत्पादन जब अच्छा होता है, तब इनकम ज्यादा होती है. जबकि कम होता है तो इनकम भी कम होती है. अक्सर किसान भाइयों का ये सवाल होता है कि मछली पालन अगर शुरू करें तो उसका सही समय क्या होना चाहिए. ताकि मछलियों के ग्रोथ अच्छी रहे और उनके प्रोडक्शन बेहतर मिले ताकि कमाई ज्यादा हो.
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप आईएमसी मछली पालन करना चाहते हैं तो मछली पालन के लिए जुलाई और अगस्त का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. ये बात भी याद रखें कि सर्दियों में मछलियों के पालन के दौरान तापमान का ध्यान रखना पड़ता है. आईएमसी यानी इंडियन मेजर कार्प और विदेशी कार्प भारतीय मीठे पानी की जलकृषि में पालने वाली मछलियां हैं. इन दोनों तरह की मछलियों के उत्पादन में मीठे पानी का योगदान 90 फीसदी तक होता है.
फीड में मछलियों को क्या खिलाएं
आईएमसी मछलियों को तालाब में पालने के बाद नंबर आता है उनके फीड का. क्योंकि फीडिंग के जरिए ही उनकी ग्रोथ अच्छी होती है और इन मछलियों का उत्पादन अच्छा होता है. आईएमसी मछलियों को पौधे और पशु से मिलने वाले आहार खिलाए जा सकते हैं. इससे उनकी ग्रोथ अच्छी होती है. इस आहार में प्रोटीन, वसा, विटामिन और पोषक तत्व होते हैं. वहीं इन मछलियों खिलाने के लिए कीड़े, लार्वा, झींगा, क्लैंम, ब्लडवर्म आदि दिया जा सकता है. इन मछलियों के उनके वजन के हिसाब से दो से तीन प्रतिशत आहार देना चाहिए. मछलियों के खाने के समय और मात्रा उनके वजन के मुताबिक तय करना चाहिए. बदलते मौसम में सीफेक्स या एक्वा हेल्थ का इस्तेमाल करें.
इन बातों का भी जानें मछली पालक
ये भी जान लें कि कत्ला एक सबसे तेज बढ़ने वाली मछली मानी जाती है. यह गंगा नदी के तट की प्रमुख प्रजाति मानी है. जबकि जयंती रोहू मछली 8 से 10 महीने में तैयार हो जाती है. वहीं अच्छी तरह से तैयार तालाब में रोहू पहले वर्ष में 700 से 1000 ग्राम की होती है. जबकि दूसरे वर्ष में 8 से 2000 ग्राम और तीसरे साल में 2400 से 4000 ग्राम तक पहुंच जाती है. मॉनसून के मौसम के दौरान रोहू मछली साल में एक बार अंडा देती है.
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