नई दिल्ली. मछली पालन एक बेहतरीन व्यवसाय है, जिसको करके किसान अच्छी आमदनी कमा सकते हैं. सरकार ने भी नीली क्रांति के तहत मछली पालन को बढ़ावा देने का काम किया है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाखों लोगों को मछली पालन के लिए सरकार की तरफ से मदद मिली है. सरकार किसानों की इनकम को डबल करने के लिए मछली पालन को बढ़ावा देना चाहती है. अगर कोई किसान कृषि के अलावा मछली पालन भी करता है तो इससे उसे ज्यादा मुनाफा मिलता है. जबकि उसकी आमदनी दोगुनी हो जाती है. जिस वजह से सरकार भी इस काम को करने में किसानों की मदद कर रही है.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत भारत सरकार की ओर से मछली का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है. जिससे मछुआरों की आया भी बढ़ रही है. साथ ही मछली पालन क्षेत्र में ढांचागत अंतर को भी कम करने का काम इस योजना के तहत किया जा रहा है. इससे मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ रही है. मछुआरों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं. मछली पालन के काम से किसानों और कृषि को जोड़ा जा रहा है.
पीएमएमएसवाई के लिए 310 करोड़ रुपए दिए
गुरुवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर प्रदेश का बजट पेश किया. साल 2025-26 के इस बजट में फिशरीज सेक्टर के लिए अहम ऐलान किया गया. सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत पुरुष लाभार्थियों के लिए 195 करोड़ रुपए और महिला लाभार्थियों के लिए 115 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है. यानी इस योजना के तहत सरकार की ओर से 310 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. जिससे उत्तर प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा. वहीं इससे मछली उत्पादन भी बढ़ेगा. रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. जिससे इस काम से जुड़े लोगों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा.
एकीकृत एक्वा पार्क मार्केट का होगा निर्माण
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से गुरुवार को पेश किए गए बजट में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जहां प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 310 करोड़ पर का बजट पेश किया गया है तो वहीं बाजार को भी डेवलप करने के लिए बजट जारी किया गया है. सरकार की ओर से 190 करोड़ रुपए खर्च करके एकीकृत एक्वा पार्क मार्केट का निर्माण कराया जाएगा. जहां पर जलजीव से जुड़े हुए हर प्रोडक्ट मौजूद होंगे. जिससे मछुआरा समुदाय को सीधे तरफ फायदा होगा.
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