नई दिल्ली. सेंट्रल समुद्री मत्स्य पालन अनुसंधान संस्थान (सीएमएफआरआई) ने एक ऐसा एप जारी किया कि जिसकी मदद से बस अब एक क्लिक पर मछली की तमाम जानकारी मछली पालकों को मिल जाएगी. सीएमएफआआई समुद्री मत्स्य अनुसंधान में नागरिक विज्ञान पहल को प्रोत्साहित करने के लिए ये अभिनव मोबाइल ऐप ‘MARLIN@CMFRI’ लेकर आया है. ये एप भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर समुद्री मत्स्य अनुसंधान, प्रजातियों की पहचान और मूल्यांकन प्रयासों को बदलने के लिए तैयार है.
जानकारी के मुताबिक ‘MARLIN@CMFRI’ भारतीय ईईजेड के विशाल विस्तार में पाई जाने वाली समुद्री मछली प्रजातियों की तस्वीरें आसानी से अपलोड करने की इजाजत देता है. जिससे समुद्री मत्स्य संसाधनों भंडार का विकास होता है. इस एप से मछली खाने वालों को प्रजातियों की भी जानकारी मिलती है. इसमें डेटाबेस वैज्ञानिक रूप से समृद्ध है और सटीक प्रजातियों की पहचान की सुविधा इसमें मिलती है. यह डेटा समुद्री मत्स्य संसाधनों की स्वचालित पहचान के लिए भी बेहतर विकल्प है.
समुंद्री सुरक्षा के लिए लोगों को करेगा एकजुट
जियोटैगिंग इस मोबाइल एप की एक महत्वपूर्ण विशेषता है जो उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थान की पहचान करने में सक्षम बनाती है. जहां प्रत्येक समुद्री प्रजाति को उतारा गया था। यह डेटा डेटाबेस की सटीकता को बढ़ाता है, भारतीय ईईजेड के भीतर विभिन्न प्रजातियों के वितरण पैटर्न का अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं और कॉन्सवेसनिस्ट के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है. सीएमएफआरआई के निदेशक डॉ. ए गोपालकृष्णन ने कहा, एप एक सहयोगी मंच है जो समुद्री संरक्षण के प्रति लोगों को एकजुट करता है.”
मछली की लैडिंग का अनुमान भी लगा सकता है
उन्होंने कहा, नागरिक विज्ञान और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के बीच अंतर को पाटकर, ‘MARLIN@CMFRI’ प्रत्येक उपयोगकर्ता को समुद्री जैव विविधता की समझ और संरक्षण में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता में बदल देता है. एप को सीएमएफआरआई के मत्स्य संसाधन मूल्यांकन, अर्थशास्त्र और विस्तार प्रभाग में डॉ. एल्धो वर्गीस के नेतृत्व में एक परियोजना के तहत विकसित किया गया था. डॉ. एल्धो वर्गीस ने कहा, “इस एप्लिकेशन द्वारा जो ज्ञान आधार उन्नत एआई-संचालित डीप लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके लैंडिंग केंद्रों पर कैप्चर की गई फोटो के माध्यम से समुद्री मछली की लैंडिंग का अनुमान लगाने के लिए एक स्वचालित प्रणाली के निर्माण को बढ़ावा देगा.”
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