नई दिल्ली. बिहार की सरकार लगातार पशुपालन और फिशरीज सेक्टर को बढ़ावा देने का काम कर रही है. सरकार की तरफ से इसको लेकर कई बड़े काम किए गए हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 सितंबर को पटना के वेटनरी कॉलेज परिसर में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय अंतर्गत 143 करोड़ रुपए की लागत से कुल 13 भवनों का उद्घाटन किया. इसके अलावा उन्होंने अतिरिक्त पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत पशुपालन क्षेत्र की योजनाओं को भी शुरू किया.
सरकार की तरफ से सीएम ने 362.58 करोड़ रुपए, मत्स्य प्रक्षेत्र की 45.22 करोड़ रुपए तथा कॉम्फेड की 286.22 करोड़ रूपए की योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया. कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा शामिल हुए. जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की मंत्री रेणु देवी ने किया.
सीएम ने क्या कहा
इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इन योजनाओं में राज्य एवं जिला स्तरीय संसाधन व प्रशिक्षण केंद्र, पशु चिकित्सालय, कॉम्फेड के तहत पूर्णिया में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र और दूध उत्पाद निर्माण प्लांट का विस्तारीकरण तथा गयाजी में प्रशिक्षण केंद्र, किशनगंज, बांका एवं पूर्णिया में पंचायत एवं प्रखंड स्तरीय कुल 5 मत्स्य बाजार शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के चलाने से राज्य में पशु चिकित्सा सुविधा और बेहतर होगी. जिसका फायदा सीधे तौर पर पशुपालकों को मिलेगा. राज्य में दूध उत्पादन बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि जब उत्पादकता में वृद्धि होगी तथा इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी फायदा होगा, उनकी इनकम बढ़ेगी और वो मजबूत होंगे.
ने कहा कि सीएम इन परियोजनाओं से राज्य में किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को सीधे लाभ प्राप्त होगा तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की आधारभूत संरचना से संबंधित जिन विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया है.
सरकार ने क्या दिया
इनमें पशुपालन प्रक्षेत्र में 362.58 करोड़ रुपए की लागत के कुल 52 भवन.
मत्स्य प्रक्षेत्र में रूपये 45.52 करोड़ की कुल 16 योजनाएं.
कॉन्फेड के तहत 286.22 करोड़ लागत की कुल 14 योजनाएं.
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में 143.00 करोड़ रुपए की लागत से कुल 13 भवन का निर्माण हुआ है.
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